नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बातचीत के माध्यम से यूक्रेन के साथ जारी संघर्ष को हल करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि लंबे समय से चले आ रहे मुद्दों का समाधान युद्ध नहीं है। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री ने पुतिन से कहा, “युद्ध के मैदान पर कोई समाधान नहीं है। बातचीत और कूटनीति ही आगे बढ़ने का रास्ता है।” उन्होंने कहा कि भारत क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता सहित संयुक्त राष्ट्र चार्टर का सम्मान करने पर अपना रुख बनाए रखता है।
पीएम मोदी की पुतिन से अपील G7 शिखर सम्मेलन के इतर यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की के साथ उनकी मुलाकात के एक महीने से भी कम समय बाद आई है। संयोग से, 2022 में मॉस्को और कीव के बीच संघर्ष शुरू होने के बाद से पीएम मोदी की रूस उनकी पहली यात्रा है। दोनों नेता 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता भी करेंगे, जहां वे व्यापार, ऊर्जा और रक्षा में द्विपक्षीय संबंधों को और विस्तारित करने के तरीकों का पता लगाएंगे।
भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक जीत
रूस-यूक्रेन में युद्ध लड़ने के लिए भर्ती किए गए भारतीय नागरिकों को मुक्त करने और पीएम मोदी द्वारा पुतिन के साथ इस मामले को जोरदार तरीके से उठाने के बाद उनकी घर वापसी की सुविधा देने पर सहमत हुआ। रूस-यूक्रेन संघर्ष के लिए भर्ती किए गए भारतीयों के बारे में बोलते हुए भारत ने इस मुद्दे को सबसे मजबूत शब्दों में उठाया। अब तक कम से कम चार भारतीय इस युद्ध में मारे गए हैं। माना जाता है कि लगभग 35-50 रंगरूट रूसी सेना में हैं, और उन्हें वापस लाना द्विपक्षीय वार्ता में सर्वोच्च प्राथमिकता थी।
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