नई दिल्ली। यूरोपीय संघ के जलवायु मॉनिटर की बुधवार को प्रकाशित एक नई रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल महीना अब तक का सर्वाधिक गर्म महीना रहा। इसमें कहा गया है कि इस महीने में वैश्विक स्तर पर हवा और समुद्री सतह का तापमान औसत से अधिक रहा। यूरोपीय संघ की कोपरनिकस जलवायु परिवर्तन सेवा ने कहा कि अल नीनो मौसम की घटना के लगातार कमजोर होने के बावजूद असामान्य रूप से विश्व भर में गर्मी बढ़ी। अल नीनो गर्मी में वृद्धि करती है। इसके साथ ही यह मानव-जनित जलवायु परिवर्तन की ओर इशारा करती है।
कॉपरनिकस के अनुसार, पिछले साल जून के बाद से हर महीना रिकॉर्ड पर सबसे गर्म वाला रहा है। अप्रैल 2024 का महीना 1850-1900 पूर्व-औद्योगिक काल के औसत से 1.58 डिग्री सेल्सियस ऊपर दर्ज किया गया। कॉपरनिकस ने कहा, “असामान्य होते हुए भी, मासिक वैश्विक तापमान रिकॉर्ड की एक समान श्रृंखला पहले 2015/16 में हुई थी।” पिछले 12 महीनों में औसत तापमान भी पूर्व-औद्योगिक स्तर से 1.6C ऊपर दर्ज किया गया, जो ग्लोबल वार्मिंग को सीमित करने के लिए 2015 पेरिस समझौते द्वारा निर्धारित 1.5C लक्ष्य को पार कर गया।
इस साल मार्च भी सर्वाधिक गर्म महीना रहा
कॉपरनिकस के जलवायुविज्ञानी जूलियन निकोलस ने बताया कि भू तापन में लगातार बढ़ोतरी का मतलब यह नहीं है कि पूरा विश्व पेरिस लक्ष्य से चूक गया है, बल्कि यह संकेत देता है कि वर्तमान में हम जिस वैश्विक तापमान की स्थिति का अनुभव कर रहे हैं वह कितनी बड़ी है। पेरिस क्लाईमेंट पैक्ट की गणना दस साल की अवधि में की जाती है। पिछला महीना यूरोप में अब तक का दूसरा सबसे गर्म अप्रैल दर्ज किया गया था। इससे पहले मार्च भी सर्वाधिक गर्म महीना दर्ज किया गया।