नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार, 22 जुलाई 2025 को उपराष्ट्रपति और राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा तत्काल प्रभाव से मंजूर कर लिया। धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए 21 जुलाई को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। राष्ट्रपति भवन ने पुष्टि की कि इस्तीफा आगे की कार्यवाही के लिए गृह मंत्रालय को भेज दिया गया है। इस घटनाक्रम ने अगले उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया को तेज कर दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धनखड़ के इस्तीफे पर अपनी प्रतिक्रिया में उनके योगदान को सराहा। अपने एक्स पोस्ट में पीएम मोदी ने लिखा, “जगदीप धनखड़ जी को उपराष्ट्रपति सहित विभिन्न भूमिकाओं में देश की सेवा करने का अवसर मिला। मैं उनके उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना करता हूं।” धनखड़ का कार्यकाल अगस्त 2022 से शुरू हुआ था और अगस्त 2027 तक चलना था, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से उन्होंने समय से पहले पद छोड़ दिया।
विपक्ष की मिली-जुली प्रतिक्रिया
विपक्ष ने इस इस्तीफे पर मिली-जुली प्रतिक्रिया दी। टीएमसी सांसद कीर्ति आज़ाद ने कहा कि धनखड़ का कार्यकाल विवादों से घिरा रहा और वे अक्सर बीजेपी के प्रवक्ता की तरह व्यवहार करते थे। उन्होंने कहा, “कई सांसदों ने उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए थे। अब उन्होंने स्वास्थ्य कारण बताए हैं, हमें उन पर भरोसा करना होगा, हालांकि कल वे पूरी तरह स्वस्थ दिख रहे थे।” आज़ाद ने उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना भी की।
धनखड़ ने इस्तीफे में अपने कार्यकाल को भारत के आर्थिक और वैश्विक उत्थान का साक्षी बताया था। मार्च 2025 में सीने में दर्द के कारण उनकी एम्स में जांच हुई थी, लेकिन वह सक्रिय रहे। उनके इस्तीफे ने राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज कर दी है, खासकर तब जब संसद का मानसून सत्र चल रहा है। गृह मंत्रालय अब संवैधानिक प्रक्रिया के तहत अगले कदम तय करेगा।