एकनाथ शिंदे के ‘गद्दार’ मजाक पर विवाद के बीच कुणाल कामरा ने गिरफ्तारी पूर्व जमानत याचिका दायर की

नई दिल्ली। स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने 28 मार्च 2025 को मद्रास हाई कोर्ट में ट्रांजिट अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की। यह कदम महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर उनके कथित ‘गद्दार’ तंज को लेकर मुंबई में दर्ज एफआईआर के बाद उठाया गया है। कामरा तमिलनाडु के विल्लुपुरम के निवासी हैं। उन्होंने कोर्ट से अंतरिम सुरक्षा मांगी है, ताकि उन्हें गिरफ्तारी से पहले अपने गृह राज्य में अग्रिम जमानत मिल सके।

उनकी याचिका में दावा किया गया है कि उन्हें अपने यूट्यूब शो ‘नया भारत’ के बाद सैकड़ों जान से मारने की धमकियां मिली हैं, जिसमें उन्होंने शिंदे पर व्यंग्य किया था। यह मामला आज जस्टिस सुंदर मोहन के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है।

कुणाल ने अपने नए शो में ‘गद्दार’ शब्द का किया था इस्तेमाल

कामरा का विवाद तब शुरू हुआ जब उन्होंने मुंबई के हेबिटेट स्टूडियो में अपने शो में 1997 की फिल्म ‘दिल तो पागल है’ के गाने ‘भोली सी सूरत’ का पैरोडी वर्जन गाया। इस गाने में ‘गद्दार’ शब्द का इस्तेमाल किया गया, जिसे शिंदे के 2022 में शिवसेना से बगावत और उद्धव ठाकरे की सरकार गिराने के संदर्भ में देखा गया। इसके बाद शिंदे की शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने स्टूडियो में तोड़फोड़ की, जिसमें 12 लोग गिरफ्तार हुए और बाद में जमानत पर रिहा हो गए।

मुंबई पुलिस ने शिवसेना विधायक मुरजी पटेल की शिकायत पर खार थाने में कामरा के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज किया। पुलिस ने उन्हें 31 मार्च तक पेश होने के लिए दूसरा समन जारी किया है, क्योंकि उन्होंने पहला समन नजरअंदाज कर समय मांगा था।

कुणाल ने कहा कि वह माफी नहीं मांगेंगे

कामरा ने सोशल मीडिया पर कहा कि वह माफी नहीं मांगेंगे और कानूनी कार्रवाई का सामना करने को तैयार हैं। उन्होंने दावा किया कि उनकी टिप्पणी संविधान द्वारा दी गई अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के दायरे में है। दूसरी ओर, शिंदे ने इसे ‘सुपारी’ (कॉन्ट्रैक्ट) करार दिया और कहा कि जनता ने पहले ही फैसला कर दिया है कि असली गद्दार कौन है। महाराष्ट्र विधान परिषद ने भी कामरा के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस स्वीकार किया है।

यह मामला अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और राजनीतिक आलोचना की सीमाओं पर बहस को तेज कर रहा है। विपक्ष ने कामरा का समर्थन किया है, जबकि सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन ने इसे अपमानजनक बताया। कामरा की याचिका पर कोर्ट का फैसला इस विवाद में नया मोड़ ला सकता है।

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