नई दिल्ली। माइक्रोसॉफ्ट ने कंप्यूटर सिस्टम की सुरक्षा के उद्देश्य से शुक्रवार को सॉफ्टवेयर अपडेट किया था। इस कारण एक वैश्विक तकनीकी मंदी पैदा हो गई। इस आउटेज को कुछ विशेषज्ञ इतिहास का सबसे बड़ा आउटेज बता रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इस वजह से दुनियाभर की एयरलाइंस, बैंकों, व्यवसायों और कुछ स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं पर बुरा असर पड़ा।
कुल 83 बिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य की साइबर सुरक्षा फर्म क्राउडस्ट्राइक तूफान के केंद्र में है। माइक्रोसॉफ्ट विंडोज सिस्टम के लिए उनके द्वारा जारी किए गए एक अपडेट ने तबाही मचा दी। हालांकि समस्या को ठीक कर लिया गया है, लेकिन सामान्य स्थिति में पूरी तरह लौटने में कुछ दिन लग सकते हैं।
ब्लू स्क्रीन ऑफ डेथ (बीएसओडी) की समस्याएं आईं
दरअसल, समस्या की जड़ तब शुरू हुई जब माइक्रोसॉफ्ट ने विंडोज सिस्टम के लिए क्राउडस्ट्राइक द्वारा जारी फाल्कन सेंसर सॉफ्टवेयर को अपडेट किया। माइक्रोसॉफ्ट ने कहा कि समस्या गुरुवार को 1900 GMT पर शुरू हुई, जब ब्लू स्क्रीन ऑफ डेथ (बीएसओडी) त्रुटियां सामने आने लगीं और कंप्यूटर क्रैश हो गए। माइक्रोसॉफ्ट ने बाद में कहा, “हालांकि समस्या उत्पन्न होने के बाद हमने निगरानी शुरू की और धीरे-धीरे समस्या कम हो गई है। पहले से प्रभावित सभी Microsoft 365 ऐप्स और सेवा ठीक हो गए हैं।”
एयरलाइंस इंडस्ट्री को सबसे ज्यादा परेशानी
क्राउडस्ट्राइक के सीईओ जॉर्ज कर्ट्ज ने गलतियों को स्वीकार किया और दुनिया भर के कारोबारियों और व्यक्तियों पर पड़े इसके प्रभाव के लिए माफी मांगी। कंपनी ने पूरी जांच करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाने का वादा किया। एयरलाइंस इंडस्ट्री को इसका सर्वाधिक खामियाजा भुगतना पड़ा। दुनिया भर में हजारों उड़ानें रोक दी गईं। प्रमुख एयरलाइनों को मैन्युअल चेक-इन प्रक्रियाओं पर वापस लौटने के लिए मजबूर होना पड़ा। यात्रियों को लंबी कतारों और निराशा का सामना करना पड़ा, क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक पास की जगह हाथ से लिखे बोर्डिंग पास की ने ले ली।