इस्लामाबाद। भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है, क्योंकि पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ ऑपरेशन बुनयान उल मरसूस शुरू किया है। यह नाम कुरान की एक आयत से लिया गया है, जिसका अर्थ है सीसे की मजबूत संरचना। अल जजीरा के अनुसार, यह आयत कहती है, “अल्लाह उन लोगों से प्यार करता है जो उसके मार्ग में एकजुट होकर लड़ते हैं, जैसे वे एक ठोस संरचना हों।” इस नाम के जरिए पाकिस्तान खुद को एक अभेद्य दीवार के रूप में पेश करना चाहता है, जो अपने उद्देश्य के लिए लड़ रहा है।
यह ऑपरेशन भारत के ऑपरेशन सिंदूर के जवाब में शुरू किया गया, जो 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का बदला था, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे। इस हमले में आतंकियों ने गैर-मुस्लिमों की पहचान के लिए पर्यटकों से कलमा पढ़वाया और उन्हें गोली मार दी। भारत ने 7 मई को पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले किए, जिसमें पंजाब प्रांत में एक ठिकाना भी शामिल था।
पाकिस्तान ने भारत के 26 ठिकानों को बनाया निशाना
पाकिस्तान ने शनिवार तड़के फतह-1 बैलिस्टिक मिसाइल सहित ड्रोन और मिसाइलों से भारत के 26 ठिकानों पर हमला किया। इन हमलों में गुरुद्वारों, कॉन्वेंट्स और मंदिरों को निशाना बनाया गया, जिसे भारत ने सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश करार दिया। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा, “पाकिस्तान स्थिति को सांप्रदायिक बनाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन भारत की एकजुटता इसका जवाब है।” भारत ने जवाब में रावलपिंडी, चकवाल और शोरकोट में चार पाकिस्तानी एयरबेस पर सटीक हमले किए, जिससे पाकिस्तान की रक्षा प्रणाली को झटका लगा।
पाकिस्तान के जनरल असीम मुनीर के हालिया बयान, जिसमें उन्होंने हिंदुओं से भिन्नता पर जोर दिया, को हमलों के लिए उकसावे के रूप में देखा जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है। जी-7 देशों ने शांति की वकालत की, जबकि अमेरिका ने तनाव कम करने के लिए मध्यस्थता की पेशकश की।