‘यह आसान नहीं था, माफ कर दीजिए अगर…’, महाकुंभ के समापन पर बोले पीएम मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को भव्य महाकुंभ मेले के समापन के बाद आज एक ब्लॉग लिखा और देशवासियों को उनकी भागीदारी के लिए धन्यवाद दिया। पीएम ने कहा कि जिस प्रकार 45 दिनों तक प्रयागराज में एकता के महाकुंभ में 140 करोड़ देशवासियों की आस्था उमड़ी, वो अभिभूत करने वाली है।

उन्होंने भव्य आयोजन की मंत्रमुग्ध कर देने वाली तस्वीरों के साथ एक्स पर पत्र साझा किया और हिंदी में लिखा, “महाकुंभ संपन्न हुआ…एकता का महायज्ञ संपन्न हुआ। प्रयागराज में एकता के महाकुंभ में पूरे 45 दिनों तक जिस प्रकार 140 करोड़ देशवासियों की आस्था एक साथ, एक समय में इस एक पर्व से आकर जुड़ी, वो अभिभूत करता है! महाकुंभ के पूर्ण होने पर जो विचार मन में आए, उन्हें मैंने कलमबद्ध करने का प्रयास किया है…”

पीएम ने किसी चूक के लिए मांगी माफी

प्रधानमंत्री ने माना कि इतना भव्य आयोजन करना आसान नहीं था। उन्होंने श्रद्धालुओं की सेवा में हुई किसी भी चूक के लिए लोगों से माफी मांगी। उन्होंने लिखा- मैं जानता हूं कि इतना भव्य कार्यक्रम आयोजित करना आसान नहीं था। मैं मां गंगा, मां यमुना, मां सरस्वती से प्रार्थना करता हूं कि हे मां, यदि हमारी पूजा में कोई कमी रह गयी हो तो कृपया हमें क्षमा करें। अगर भक्तों की सेवा में कोई चूक हुई हो, जिन्हें मैं भगवान का अवतार मानता हूं, तो मैं लोगों से माफी भी मांगता हूं।”

नीति विशेषज्ञों के लिए शोध का विषय

पीएम मोदी ने यह भी कहा कि महाकुंभ अब प्रबंधन पेशेवरों के साथ-साथ दुनिया भर के योजना और नीति विशेषज्ञों के लिए शोध का विषय बन गया है। प्रधानमंत्री ने कहा, “महाकुंभ में भक्तों की भारी भागीदारी न केवल एक रिकॉर्ड है, बल्कि इसने हमारी संस्कृति और विरासत को मजबूत और समृद्ध करते हुए आने वाली शताब्दियों के लिए एक मजबूत नींव भी रखी है।”

प्रधानमंत्री ने अपने ब्लॉग पर कहा कि अपनी विरासत पर गर्व करने वाला वर्तमान भारत नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, “समाज के सभी वर्गों और हर क्षेत्र के लोग इस महाकुंभ में एक साथ आए।” पीएम मोदी ने कहा, “एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का ये अविस्मरणीय दृश्य करोड़ों भारतीयों के लिए आत्मविश्वास का महापर्व बन गया।”

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