नई दिल्ली। प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर ने कहा कि वह समिति के समक्ष अपने खिलाफ सभी आरोपों का समाधान करेंगी। वह वर्तमान में सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए अपनी विकलांगता के बारे में कथित तौर पर झूठ बोलने के कारण जांच के दायरे में हैं।
उन्होंने इसे “मीडिया ट्रायल” बताते हुए कहा, “यह एक मीडिया ट्रायल है और लोग देख रहे हैं। आखिरकार सच्चाई सामने आ ही जाएगी। भारतीय संविधान के मुताबिक, जब तक आरोप साबित न हो जाए तब तक किसी व्यक्ति को दोषी नहीं माना जा सकता।” मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, “मुझे समिति के सामने जो कुछ भी कहना होगा, मैं कहूंगी और समिति जो भी निर्णय लेगी, मैं उसे स्वीकार करूंगी।”
विकलांगता के दो प्रमाण पत्र जमा किए
खेडकर ने पहले दो मेडिकल प्रमाणपत्र जमा किए थे- पहला दृष्टिबाधित का और दूसरा मानसिक बीमारी का दावा करते हुए। हालांकि, हाल ही में एक मोड़ तब आया जब सूत्रों ने बताया कि ऑन-प्रोबेशन आईएएस अधिकारी ने पुणे के एक अस्पताल से तीसरा मेडिकल प्रमाणपत्र प्राप्त करने का भी प्रयास किया था, जिसे चिकित्सा सुविधा द्वारा अस्वीकार कर दिया गया था।
खेडकर ने 2022 में विकलांगता प्रमाण पत्र के लिए किया था आवेदन
शारीरिक विकलांगता साबित करने के इरादे से, विशेष रूप से लोकोमोटर विकलांगता श्रेणी में, प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी को कई चिकित्सा परीक्षणों से गुजरना पड़ा। हालांकि, उसकी जांच करने वाले डॉक्टर ने कहा कि विकलांगता प्रमाणपत्र जारी करना संभव नहीं था।” सूत्रों के मुताबिक, पूजा खेडकर ने अगस्त 2022 में पुणे के औंध अस्पताल से विकलांगता प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया था।