नई दिल्ली। संसद का मानसून सत्र आज से शुरू हो गया। इसमें बजट सत्र भी शामिल है। 23 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी। इससे पहले आज उन्होंने सदन में आर्थिक सर्वेक्षण रखा। वहीं विपक्ष नीट परीक्षा और कांवड़ यात्रा को लेकर सत्ता पक्ष को घेरने की कोशिश की। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सत्ता पक्ष पर जमकर हमला बोला।
राहुल गांधी ने कहा, “यह पूरे देश के लिए स्पष्ट है कि हमारी परीक्षा प्रणाली में न केवल NEET बल्कि सभी प्रमुख परीक्षाओं में एक बहुत गंभीर समस्या है। आज जो अमीर है, वह भारत के परीक्षा को खरीद सकता है। गरीबों के लिए इस सिस्टम में देखने के अलावा और कोई चारा नहीं है।” उन्होंने आगे कहा, “शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने अपने अलावा सभी को दोषी ठहराया है। मुझे तो यह भी नहीं लगता कि यहां जो कुछ हो रहा है, शिक्षा मंत्री उसके बुनियादी सिद्धांतों को समझते हैं या नहीं?”
पिछले सात साल में एक भी पेपर लीक नहीं हुआ: प्रधान
इसके बाद धर्मेंद्र प्रधान ने राहुल गांधी के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि उनकी निगरानी में कोई पेपर लीक नहीं हुआ था। उन्होंने कहा, “पिछले 7 वर्षों में पेपर लीक का कोई सबूत नहीं मिला है। यह (एनईईटी) मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ कह सकता हूं कि एनटीए के बाद 240 से अधिक परीक्षाएं सफलतापूर्वक आयोजित की गई हैं।”
आप व्यवस्था को ठीक करने के लिए क्या कर रहे: राहुल
शिक्षा मंत्री को और घेरने की कोशिश में गांधी ने पूछा, “आप इस मुद्दे को ठीक करने के लिए वास्तव में क्या कर रहे हैं?” प्रधान ने तीखा जवाब देते हुए कहा, “सिर्फ चिल्लाने से झूठ सच नहीं हो जाएगा। विपक्ष के नेता का यह कहना कि देश की परीक्षा प्रणाली बकवास है, बेहद निंदनीय है।” उन्होंने आगे कहा कि सरकार प्रतियोगी परीक्षाओं में कदाचार और अनियमितताओं से निपटने के उद्देश्य से एक नया कानून लेकर आई है। मंत्री ने आरोप लगाया कि इसी तरह के विधेयक पूर्ववर्ती यूपीए शासन में पेश किए गए थे, लेकिन सत्तारूढ़ कांग्रेस ने उन्हें दबाव में रद्द कर दिया था।