नई दिल्ली। अहमदाबाद में 2036 ओलंपिक की तैयारियों के लिए गुजरात सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। सूत्रों के अनुसार, बलात्कार के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम बापू के स्वामित्व वाले अहमदाबाद के आसाराम आश्रम की जमीन को अधिग्रहित करने की योजना बनाई जा रही है।
यह कदम भारत की 2036 ओलंपिक की मेजबानी की बोली के तहत उठाया जा रहा है। मोटेरा स्थित आसाराम आश्रम उन तीन आश्रमों में शामिल है जो निर्माणाधीन सरदार वल्लभभाई पटेल स्पोर्ट्स एन्क्लेव के बेहद करीब हैं। इस स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के लिए 650 एकड़ से अधिक क्षेत्र में ओलंपिक गांव और अन्य खेल सुविधाओं का निर्माण प्रस्तावित है।
जमीन अधिग्रहण के लिए हो रही है बातचीत
सूत्रों का कहना है कि गुजरात सरकार की एक पांच सदस्यीय समिति आसाराम आश्रम के अधिकारियों के साथ जमीन अधिग्रहण को लेकर बातचीत कर रही है। आश्रम के प्रवक्ता नीलम दुबे ने बताया कि सरकार ने कुछ समय पहले उनसे संपर्क किया था, जिसके बाद आश्रम ने अपनी जमीन के स्वामित्व के दस्तावेज प्रस्तुत किए थे। हालांकि, उन्होंने कहा कि यह मामला अभी हाई कोर्ट में विचाराधीन है, इसलिए वे इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते। इस परियोजना के तहत नरेंद्र मोदी स्टेडियम के आसपास के क्षेत्रों को भी खेल परिसर में शामिल किया गया है।
2036 ओलंपिक के लिए पूरी ताकत लगा रहा है भारत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनवरी में देहरादून में 38वें राष्ट्रीय खेलों के उद्घाटन समारोह में कहा था कि भारत 2036 ओलंपिक की मेजबानी के लिए अपनी पूरी ताकत लगा रहा है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन भारतीय खेलों की प्रोफाइल को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने पिछले साल अक्टूबर में अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) को एक औपचारिक अभिरुचि पत्र सौंपा था, जिसमें भारत की मेजबानी की इच्छा जताई गई थी।
नाबालिग लड़की से बालात्कार मामले में ठहराए गए दोषी
आसाराम बापू को 2018 में जोधपुर की एक विशेष अदालत ने 2013 में अपने आश्रम में एक नाबालिग लड़की से बलात्कार के मामले में दोषी ठहराया था। इसके बाद 2023 में गुजरात की एक अदालत ने उन्हें एक अन्य बलात्कार मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई। वर्तमान में वह जोधपुर जेल में सजा काट रहे हैं, हालांकि स्वास्थ्य कारणों से उन्हें हाल ही में अंतरिम जमानत मिली थी। इस जमीन अधिग्रहण से अहमदाबाद में ओलंपिक की तैयारियों को गति मिलने की उम्मीद है।