सहकार टैक्सी: भारत सरकार की नई पहल, ओला-उबर को मिलेगी टक्कर; अमित शाह का ऐलान

नई दिल्ली। भारत सरकार जल्द ही एक नई टैक्सी सर्विस ‘सहकार टैक्सी’ लॉन्च करने की तैयारी में है, जो ओला, उबर और रैपिडो जैसी निजी कंपनियों को कड़ी चुनौती देगी। केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 27 मार्च 2025 को संसद में इसकी घोषणा की। यह सर्विस सहकारी मॉडल पर आधारित होगी, जिसका उद्देश्य टैक्सी ड्राइवर्स को उनकी मेहनत का पूरा फायदा दिलाना और यात्रियों को किफायती सवारी का विकल्प देना है। अगले कुछ महीनों में इसकी शुरुआत होने की उम्मीद है।

‘सहकार टैक्सी’ एक ऐप-बेस्ड प्लेटफॉर्म होगा, जिसमें दोपहिया टैक्सी, ऑटो रिक्शा और चारपहिया कैब्स शामिल होंगी। खास बात यह है कि इस सर्विस में ड्राइवर्स ही मालिक होंगे। मौजूदा निजी कंपनियां हर राइड से 20-30% तक कमीशन लेती हैं, जिससे ड्राइवर्स की कमाई पर असर पड़ता है। लेकिन सहकार टैक्सी में ऐसा नहीं होगा। सारा मुनाफा ड्राइवर्स के बीच बंटेगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

अमित शाह ने बताया कि सहकारिता मंत्रालय पिछले साढ़े तीन साल से इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। इसके साथ ही, ड्राइवर्स की सुरक्षा के लिए एक सहकारी बीमा कंपनी भी शुरू की जाएगी।

यात्रियो को सस्ती और भरोसेमंद सवारी भी मिलेगी

यह पहल ‘सहकार से समृद्धि’ के नारे को साकार करने की दिशा में बड़ा कदम है। सरकार का दावा है कि इससे न सिर्फ ड्राइवर्स को फायदा होगा, बल्कि यात्रियों को भी सस्ती और भरोसेमंद सवारी मिलेगी। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि इसकी सफलता तकनीकी ढांचे, ऐप की गुणवत्ता और ड्राइवर्स को जोड़ने की रणनीति पर निर्भर करेगी। ओला और उबर जैसी कंपनियों के पास पहले से मजबूत टेक्नोलॉजी और ग्राहक आधार है, इसलिए सहकार टैक्सी को बाजार में अपनी जगह बनाने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।

कमीशन के बोझ से मिलेगा छुटकारा

सहकार टैक्सी का विचार ड्राइवर्स के बीच उत्साह पैदा कर रहा है। कई ड्राइवर्स का कहना है कि कमीशन के बोझ से छुटकारा मिलने से उनकी जिंदगी आसान हो जाएगी। वहीं, यात्रियों को उम्मीद है कि यह सर्विस किफायती किराए के साथ बेहतर अनुभव देगी। अगर यह योजना सफल रही, तो यह भारत में सहकारी मॉडल की ताकत को दुनिया के सामने पेश करेगी।

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