नई दिल्ली। भारत ने अंतरिक्ष यात्रा में एक और गौरवशाली अध्याय जोड़ा। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला 25 जून को एक्सिओम-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए रवाना हो गए। दोपहर 12:01 बजे (IST) नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर, फ्लोरिडा से स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट और नए ड्रैगन अंतरिक्ष यान के साथ लॉन्च हुआ यह मिशन भारत के लिए ऐतिहासिक है। शुभांशु, राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय और ISS पर पहुंचने वाले पहले भारतीय हैं।
शुभांशु इस मिशन में पायलट की भूमिका निभा रहे हैं। उनके साथ अमेरिका की पेगी व्हिटसन (कमांडर), पोलैंड के स्लावोस उजनांस्की और हंगरी के टिबोर कपु हैं। 28 घंटे की यात्रा के बाद, यान 26 जून को शाम 4:30 बजे (IST) ISS से डॉक करेगा। 14 दिन के मिशन में शुभांशु 7 भारतीय और 5 नासा प्रयोग करेंगे, जिनमें अंतरिक्ष में मूंग-मेथी उगाने, माइक्रोबियल व्यवहार और मांसपेशी हानि पर शोध शामिल हैं। ये प्रयोग गगनयान मिशन की तैयारी के लिए महत्वपूर्ण हैं।
शुभांशु ने 2006 में भारतीय वायुसेना में फाइटर पायलट के रूप में शुरुआत की
1985 में लखनऊ में जन्मे शुभांशु ने 2006 में भारतीय वायुसेना में फाइटर पायलट के रूप में शुरुआत की। 2,000 घंटे से अधिक उड़ान अनुभव के साथ, उन्होंने मिग-21, सुखोई-30 जैसे विमानों को उड़ाया। 2019 में गगनयान मिशन के लिए चुने गए, उन्होंने रूस और भारत में कठिन प्रशिक्षण लिया।
मिशन को सात बार स्थगित किया गया, जिसमें मौसम, ऑक्सीजन रिसाव और ISS के ज्वेज्दा मॉड्यूल की मरम्मत जैसे कारण थे। अब 90% अनुकूल मौसम के साथ लॉन्च सफल रहा। शुभांशु ने कहा, “मैं 1.7 अरब भारतीयों की आकांक्षाएं लेकर जा रहा हूं।” यह मिशन 31 देशों के 60 वैज्ञानिक प्रयोगों के साथ वैश्विक सहयोग का प्रतीक है। शुभांशु का यह कदम भारत के अंतरिक्ष सपनों को नई उड़ान देगा।