सुप्रीम कोर्ट ने नेटफ्लिक्स, अमेजन, यूट्यूब, इंस्टाग्राम को जारी किया नोटिस, अश्लील सामग्री पर सवाल

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने 28 अप्रैल 2025 को नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम, यूट्यूब, इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया व OTT प्लेटफॉर्म्स को अश्लील और आपत्तिजनक सामग्री के प्रसार को लेकर नोटिस जारी किया। यह कार्रवाई सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) के एक पत्र के जवाब में की गई, जिसमें OTT और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अनियंत्रित सामग्री की सामाजिक जिम्मेदारी पर सवाल उठाए गए थे। कोर्ट ने केंद्र सरकार और इन प्लेटफॉर्म्स से जवाब मांगा है कि ऐसी सामग्री को नियंत्रित करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं।

मामला तब गरमाया जब CBFC ने अपनी याचिका में कहा कि OTT और सोशल मीडिया पर बिना सेंसरशिप के प्रसारित होने वाली सामग्री, खासकर अश्लील और हिंसक कंटेंट, समाज पर नकारात्मक प्रभाव डाल रही है। याचिका में तर्क दिया गया कि पारंपरिक सिनेमा को CBFC के सख्त दिशानिर्देशों का पालन करना पड़ता है, लेकिन डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर ऐसी कोई बाध्यता नहीं है। इस असमानता को दूर करने की मांग की गई।

वेब सीरीज और वीडियो को लेकर शिकायतें बढ़ी

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि क्या डिजिटल सामग्री के लिए अलग नियामक ढांचा बनाया जा रहा है। कोर्ट ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय, IT मंत्रालय और अन्य हितधारकों को इस मुद्दे पर विस्तृत जवाब देने का निर्देश दिया। नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म्स पर हाल के कुछ वेब सीरीज और वीडियो को लेकर शिकायतें बढ़ी हैं, जिनमें कथित तौर पर अश्लीलता, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप है।

केंद्र ने डिजिटल मीडिया के लिए IT नियम लागू किए

यह पहली बार नहीं है जब OTT प्लेटफॉर्म्स विवादों में हैं। 2021 में, केंद्र ने डिजिटल मीडिया के लिए IT नियम लागू किए थे, लेकिन इनकी प्रभावशीलता पर सवाल उठते रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट का यह नोटिस डिजिटल सामग्री के नियमन को लेकर एक बड़े बहस की शुरुआत कर सकता है। मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी, जिसमें सभी पक्षों के जवाब पर विचार किया जाएगा।

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