केरल विश्वविद्यालय का कथित भगवाकरण किए जाने के खिलाफ में छात्रों का प्रदर्शन, पुलिस ने की कार्रवाई

तिरुवनंतपुरम। केरल विश्वविद्यालय में गुरुवार को स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) और डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (DYFI) के कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। CPI(M) से संबद्ध इन संगठनों ने आरोप लगाया कि राज्यपाल विश्वविद्यालयों में ‘भगवाकरण’ की कोशिश कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर चढ़ने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल कर उन्हें तितर-बितर किया।

प्रदर्शन का कारण हाल ही में राजभवन में आयोजित एक कार्यक्रम में ‘भारत माता’ की तस्वीर में भगवा झंडा दिखाना बताया गया। SFI और DYFI का दावा है कि यह तस्वीर RSS और BJP की विचारधारा को बढ़ावा देने का हिस्सा थी। इसके अलावा, विश्वविद्यालय के उप-कुलपति मोहनन कुन्नुम्मल द्वारा रजिस्ट्रार केएस अनिल कुमार को निलंबित करना भी विवाद का कारण बना। SFI ने आरोप लगाया कि यह निलंबन राजभवन के दबाव में हुआ, जो विश्वविद्यालयों को ‘सफेदीकरण का किला’ बनाने की कोशिश कर रहा है।

प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए भारी बल तैनात

पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए भारी बल तैनात किया था, लेकिन तनाव तब बढ़ गया जब SFI और DYFI कार्यकर्ताओं ने बैरिकेड्स तोड़ने की कोशिश की। CPI(M) नेता एमवी गोविंदन ने प्रदर्शन स्थल पर पहुंचकर छात्रों का समर्थन किया। SFI के राज्य अध्यक्ष एम. शिवप्रसाद ने कहा, “यह RSS के खिलाफ हमारा संघर्ष है, जो केरल की शिक्षा को भगवाकरण करने की कोशिश कर रहा है।” दूसरी ओर, विपक्षी नेता वीडी सतीशन ने SFI के प्रदर्शन को ‘हुड़दंग’ करार देते हुए पुलिस की निष्क्रियता की आलोचना की।

BJP ने राज्यपाल का समर्थन करते हुए CPI(M) पर असल मुद्दों से ध्यान भटकाने का आरोप लगाया। यह विवाद केरल में विश्वविद्यालयों और राजभवन के बीच चल रहे तनाव का हिस्सा है, जो शिक्षा के भविष्य पर सवाल उठा रहा है।

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