नई दिल्ली। भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके तीन साथी करीब 9 महीने बाद अंतरिक्ष से धरती पर लौट आए हैं। उनकी स्पेस कैप्सूल ‘स्टारलाइनर’ ने भारतीय समयानुसार बुधवार सुबह फ्लोरिडा के अटलांटिक महासागर में सफलतापूर्वक लैंडिंग की। इस ऐतिहासिक मिशन के तहत सुनीता ने नई पीढ़ी के बोइंग स्टारलाइनर कैप्सूल में यात्रा की थी।
9 महीने का ऐतिहासिक मिशन
58 वर्षीय सुनीता विलियम्स ने इस मिशन के दौरान अंतरिक्ष में कई महत्वपूर्ण प्रयोग किए। उन्होंने माइक्रोग्रैविटी में जैविक नमूनों पर शोध किया और स्पेस स्टेशन पर आवश्यक मेंटेनेंस कार्यों में योगदान दिया। उनका यह मिशन इसलिए भी खास था, क्योंकि वे पहली अंतरिक्ष यात्री बनीं, जिन्होंने बोइंग के नए कैप्सूल में यात्रा की।
The unplanned welcome crew!
Crew-9 had some surprise visitors after splashing down this afternoon.🐬 pic.twitter.com/yuOxtTsSLV
— NASA’s Johnson Space Center (@NASA_Johnson) March 18, 2025
लैंडिंग के दौरान मौसम ने बढ़ाई चुनौती
धरती पर लौटते समय कैप्सूल को वायुमंडल में प्रवेश करते हुए घर्षण के कारण बेहद उच्च तापमान का सामना करना पड़ा। हालांकि, सुरक्षा के लिए कैप्सूल में विशेष हीट शील्ड्स लगे थे, जिससे कोई नुकसान नहीं हुआ। फ्लोरिडा के तट के पास कैप्सूल के पानी में उतरते ही राहत और बचाव दल ने उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला।
परिवार से मिलने की खुशी
सुनीता विलियम्स के धरती पर लौटते ही उनके परिवारवालों और प्रशंसकों में खुशी की लहर दौड़ गई। उनके माता-पिता और भाई-बहन पहले से ही लैंडिंग साइट पर मौजूद थे। सुनीता ने कहा, “धरती पर लौटकर बहुत अच्छा लग रहा है। स्पेस में रहना अद्भुत अनुभव था, लेकिन अपने लोगों के पास आकर दिल को सुकून मिलता है।”
भारत में भी खुशी का माहौल
सुनीता विलियम्स की वापसी पर भारत में भी जश्न का माहौल रहा। उनके गुजरात स्थित पैतृक गांव जुलासन में लोगों ने पटाखे फोड़कर खुशी जाहिर की। भारतीय वैज्ञानिकों ने उनकी उपलब्धि को गर्व का क्षण बताया।
सुनीता का अंतरिक्ष सफर
यह सुनीता विलियम्स का तीसरा अंतरिक्ष मिशन था। उन्होंने अब तक कुल 500 दिन से अधिक अंतरिक्ष में बिताए हैं, जो किसी महिला अंतरिक्ष यात्री के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। उनकी इस वापसी को मानव अंतरिक्ष अभियानों के लिए एक बड़ी सफलता माना जा रहा है।