‘उद्धव गुट का नेता पीएम मोदी से मिला, महायुति में वापसी की लगाई गुहार’, एकनाथ शिंदे का बड़ा आरोप

नई दिल्ली। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को विधान परिषद में सनसनीखेज दावा करते हुए कहा कि शिवसेना (उद्धव गुट) का एक वरिष्ठ नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुपचुप मुलाकात कर महायुति सरकार में वापसी की गुहार लगा चुका है। शिंदे ने आरोप लगाया कि उक्त नेता ने खुद पर चल रहे मामलों में राहत पाने के लिए पीएम से मिन्नतें कीं।

‘बचाओ-बचाओ’ की लगाई गुहार

विधान परिषद में भाषण के दौरान शिंदे ने बिना नाम लिए उद्धव ठाकरे पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, “ये लोग सिर्फ सत्ता के लिए कांग्रेस के साथ गए और बाला साहेब की विचारधारा को तिलांजलि दे दी, लेकिन जब मुश्किल आई तो ये पीएम के पास जाकर ‘बचाओ-बचाओ’ की गुहार लगाने लगे।”

शिंदे ने दावा किया कि उद्धव गुट ने महायुति में शामिल होने की पेशकश की थी, लेकिन उन्होंने इस योजना को नाकाम कर दिया। नोटिस मिलने के बाद वे घुटनों के बल गिरकर मिन्नतें करने लगे।

2022 बगावत का संदर्भ

शिंदे का बयान 2022 में शिवसेना में हुए विद्रोह की याद दिलाता है, जब उन्होंने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ बगावत कर पार्टी को दोफाड़ कर दिया था। उस समय ठाकरे महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार का नेतृत्व कर रहे थे, जिसमें कांग्रेस और एनसीपी (तब अजित पवार और शरद पवार एक साथ थे) शामिल थे। शिंदे के विद्रोह के कारण ठाकरे सरकार गिर गई और शिंदे मुख्यमंत्री बन गए।

फडणवीस और महाजन को जेल भेजने की साजिश का आरोप

शिंदे ने विपक्ष पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि उद्धव गुट ने सीएम देवेंद्र फडणवीस और बीजेपी नेता गिरीश महाजन को जेल भिजवाने की साजिश रची थी। इनकी योजना फडणवीस और महाजन को जेल में डालने की थी। इन्होंने औरंगजेब की विचारधारा अपना ली थी, लेकिन मैंने ऐसा नहीं होने दिया।

हिंदुत्व की लड़ाई का दावा

खुद को हिंदुत्व का सच्चा प्रतिनिधि बताते हुए शिंदे ने कहा, “मैं शेर का बेटा हूं। मैंने 80 सीटों पर चुनाव लड़ा और 60 पर जीत हासिल की।”

राजनीतिक प्रभाव

शिंदे के इस हमले ने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा दी है। महायुति और महा विकास अघाड़ी के बीच पहले से जारी तनाव के बीच यह बयान आगामी 2024 विधानसभा चुनावों में राजनीतिक सरगर्मी को और तेज कर सकता है।

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