नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें चुनाव आयोग को सभी मतदान केंद्रों पर मतदान प्रतिशत पर अंतिम डेटा प्रकाशित करने का निर्देश देने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले की सुनवाई लोकसभा चुनाव के बाद होनी चाहिए। न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की अवकाश पीठ ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया के बीच में एक व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है।
पीठ ने कहा, “कल छठे चरण का चुनाव है। हमारा मानना है कि इस मामले की सुनवाई चुनाव के बाद होनी चाहिए।” सुप्रीम कोर्ट गैर सरकारी संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें मतदान के 48 घंटों के भीतर लोकसभा चुनाव में डाले गए वोटों की संख्या सहित सभी मतदान केंद्रों पर मतदान का अंतिम और प्रमाणित डेटा प्रकाशित करने की मांग की गई थी।
मतदाताओं के मन में संदेह पैदा करने की कोशिश
सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने पीठ से कहा कि मतदाताओं के मन में संदेह पैदा करने की कोशिश की जा रही है। चुनाव आयोग ने कहा, “याचिका केवल संदेह और आशंका पर आधारित है। चुनाव कराना एक कठिन काम है, इसमें ऐसे निहित स्वार्थों को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।”