थाईलैंड-कंबोडिया सीमा विवाद: भारत ने सात प्रांतों की यात्रा से बचने की सलाह दी

नई दिल्ली। थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच, भारतीय दूतावास ने शुक्रवार, 25 जुलाई 2025 को भारतीय नागरिकों के लिए एक यात्रा परामर्श जारी किया। इसमें थाईलैंड के सात प्रांतों – उबोन रत्चाथानी, सुरिन, सिसाकेत, बुरिराम, सा काएव, चंथाबुरी और त्रात – की यात्रा से बचने की सलाह दी गई है। पर्यटन प्राधिकरण ऑफ थाईलैंड (TAT) ने इन क्षेत्रों में कई पर्यटक स्थलों को असुरक्षित घोषित किया है। भारतीय दूतावास ने यात्रियों से आधिकारिक थाई स्रोतों, जैसे TAT न्यूज़रूम, के माध्यम से अपडेट्स की जांच करने को कहा।

यह परामर्श गुरुवार को शुरू हुए थाईलैंड-कंबोडिया सीमा विवाद के बाद आया, जिसमें कम से कम 14 थाई नागरिकों की मौत और 46 लोग घायल हुए। थाईलैंड के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि मरने वालों में 13 नागरिक और एक सैनिक शामिल हैं। कंबोडिया ने अभी तक अपनी ओर से हताहतों की जानकारी साझा नहीं की है। थाईलैंड ने कंबोडिया पर नागरिक क्षेत्रों और सुरिन प्रांत के फनोम डोंग राक अस्पताल पर रॉकेट हमले का आरोप लगाया, जिसे थाई स्वास्थ्य मंत्री सोमसाक थप्सुथिन ने “युद्ध अपराध” बताया। जवाब में, थाईलैंड ने F-16 लड़ाकू विमानों से कंबोडिया के सीमावर्ती क्षेत्रों पर हवाई हमले किए।

विवाद का केंद्र प्राचीन प्रसात ता मुएन थोम मंदिर

विवाद का केंद्र प्राचीन प्रसात ता मुएन थोम मंदिर है, जो 11वीं सदी का खमेर हिंदू मंदिर है। दोनों देश इस क्षेत्र पर दावा करते हैं, और यह विवाद फ्रांसीसी औपनिवेशिक नक्शों से उत्पन्न हुआ है। मई में एक कंबोडियाई सैनिक की मौत के बाद तनाव बढ़ा, और हाल ही में थाई सैनिकों को बारूदी सुरंगों से निशाना बनाया गया। दोनों देश एक-दूसरे पर पहले हमले का आरोप लगा रहे हैं।

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दोनों देशों से संयम बरतने और बातचीत के जरिए समाधान निकालने की अपील की है। थाईलैंड ने तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को खारिज कर द्विपक्षीय वार्ता पर जोर दिया है। भारतीय यात्रियों से सतर्क रहने और सुरक्षित क्षेत्रों में ही यात्रा करने की अपील की गई है।

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