श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने शनिवार को कहा कि ‘प्राण प्रतिष्ठा’ से पहले रामलला की मूर्ति की आंखों से पट्टी नहीं हटाई जानी चाहिए थी। श्री राम लला की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ 22 जनवरी को होगी। अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई भगवान की मूर्ति को मंदिर के गर्भगृह के अंदर रखा गया था। घूंघट से ढकी हुई मूर्ति की पहली तस्वीर गुरुवार को गर्भगृह में स्थापना समारोह के दौरान सामने आई थी।
रामलला की मूर्ति की ‘खुली’ आंखों वाली तस्वीरें इंटरनेट पर सामने आईं। आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा, “प्राण प्रतिष्ठा पूरी होने से पहले भगवान राम की मूर्ति की आंखें प्रकट नहीं की जा सकतीं। जिस मूर्ति में भगवान राम की आंखें देखी जा सकती हैं, वह असली मूर्ति नहीं है। अगर आंखें देखी जा सकती हैं, तो एक इस बात की जांच होनी चाहिए कि आंखें किसने खोलीं और मूर्ति की तस्वीरें कैसे वायरल हो रही हैं?”
तंबू मूर्ति को गर्भगृह में स्थापित किया जाएगाः मुख्य पुजारी
उन्होंने कहा, “सभी प्रक्रियाएं परंपरा की तरह ही पूरी की जाएगी। हालांकि, ‘प्राण प्रतिष्ठा’ तक राम लला की आंखें प्रकट नहीं की जाएंगी।” उन्होंने राम लला की तम्बू मूर्ति को मंदिर तक ले जाने की प्रक्रियाओं के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा, “इसे मंदिर के गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा, जहां नई मूर्ति स्थापित की जाएगी। इसके लिए कोई शुभ समय भी नहीं है। जब कुछ नया करना होता है तो शुभ समय की भविष्यवाणी की जाती है। यह एक प्रक्रिया है।”
सीएम योगी मूर्ति को अंदर ले जाएंगेः आचार्य दास
आचार्य दास ने आगे कहा, “सवाल यह है कि मूर्ति को मंदिर तक कौन ले जाएगा। इससे पहले, मुख्यमंत्री मूर्ति को तंबू से अस्थायी रूप से बने मंदिर तक ले गए। सीएम योगी खुद मूर्ति को मंदिर तक ले जा सकते हैं।” बता दें, 22 जनवरी को पीएम नरेंद्र मोदी मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे। इस दौरान यूपी में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की गई है। वहीं सभी केंद्र सरकार के कार्यालयों में आधे दिन की छुट्टी रहेगी।