सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड में 11 साल बाद फैसला, दो दोषी को आजीवन कारावास की सजा

सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड में 11 साल बाद फैसला

नई दिल्ली। 2013 में कार्यकर्ता नरेंद्र दाभोलकर की हत्या के मामले में आज दो लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के प्रमुख नरेंद्र दाभोलकर की 20 अगस्त 2013 को पुणे में कथित तौर पर एक सीमांत समूह के सदस्यों द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

पुणे में दाभोलकर की हत्या के बाद फरवरी 2015 में गोविंद पानसरे और उसी साल अगस्त में कोल्हापुर में एमएम कलबुर्गी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। गौरी लंकेश की सितंबर 2017 में बेंगलुरु में उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

क्या है पूरा मामला

20 अगस्त 2013 को जब दाभोलकर अपने घर से सैर करने निकले थे। तपब करीब 7 बजकर 15 मिनट पर बाइक सवार हमलावरों ने दाभोलकर को मौत के घाट उतार दिया। हमलावरों ने दाभोलकर पर एक के बाद एक लगातार 5 गोलियां दागी, जिनमें 2 गोलियां मिसफायर हो गईं, लेकिन 2 गोलियां उनके सिर और छाती में जा लगीं। जमीन पर गिरते ही उनकी मौत हो गई। वहीं बाइक सवार हमलाकर इस घटना का अंजाम देते ही मौके से फरार हो गए।

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