बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता रणवीर सिंह के एक विटामिन सप्लिमेंट ऐड ‘हेल्थ ओके’ पर विवाद खड़ा हो गया हैं। इसमें फार्मा कंपनी के संगठन ऑल इंडिया ऑर्गनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स (AIOCD) ने हेल्थ ओके की मैन्युफैक्चरिंग कंपनी में मैनकाइंड से विज्ञापन वापस लेने की मांग की है। दरअसल, केमिस्ट संस्था का कहना है कि अभिनेता रणवीर सिंह के विज्ञापन में बताया गया है कि मांसाहारी व्यक्ति अधिक स्वस्थ होते हैं, जो कि शाकाहारी होने के फायदों का अखंड करता है।
ऑल इंडिया ऑर्गनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स (AIOCD) के अनुसार, विज्ञापन भ्रामक है और शाकाहार के स्वास्थ्य लाभों का खंडन करता है। AIOCD ने मैनकाइंड के प्रबंध निदेशक राजीव जुनेजा को लिखे अपने पत्र में कहा कि हेल्थ ओके की सामग्री से पता चलता है कि शाकाहारी व्यक्तियों में विटामिन की कमी का खतरा होता है और आपका यह दावा है कि आपका सप्लीमेंट इसे रोक सकता है। हेल्थ ओके के विज्ञापन कैंपेन में यह कहा गया है कि हर तीन भारतीयों में से एक व्यक्ति शाकाहारी है और शाकाहारी लोगों में विटामिन की कमी होने का खतरा ज्यादा रहता है।
AIOCD ने अपने पत्र में आगे कहा
इसी संबंध में AIOCD ने आगे कहा कि भारत में शाकाहार का पालन प्रधानमंत्री और भारत के कई मुख्यमंत्री भी करते हैं और इसको बढ़ावा भी देते हैं। 12 फरवरी को लिखे पत्र में कहा गया कि भारत में शाकाहार का प्रमुखता से पालन किया जाता है, जिसे देखते हुए विज्ञापन गलत और संभावित रूप से हानिकारक नैरेटिव को बढ़ावा देता है। वे अपने फायदे के लिए किसी भी चीज का विज्ञापन कैसे कर सकते है, यह सरासर भ्रामक है।
इसके परिणाम गंभीर हो सकते हैंः AIOCD
पत्र में आगे कहा गया है कि मशहूर हस्तियां इस तरह के विज्ञापनों में शामिल हो रही है। इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। केमिस्ट संस्था ने हेल्थकाइंड के MD से उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 और माल बिक्री अधिनियम 1930 के तहत कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए विज्ञापन को तुरंत वापस लेने का आग्रह किया है।