नई दिल्ली। केरल के वायनाड में मेप्पाडी के पास पहाड़ी इलाकों में भारी भूस्खलन के बाद कम से कम 256 लोगों की मौत हो गई और 200 से अधिक घायल हो गए। इस दौरान सेना ने लगभग 1,000 लोगों को बचाया और 220 लोग अभी भी लापता हैं। बचाव अभियान तीसरे दिन भी जारी है।
वायनाड में मंगलवार को भारी बारिश के बाद तीन भूस्खलन हुए। भूस्खलन के कारण जिले के मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा गांव सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) प्रयासों के समन्वय के लिए सेना द्वारा कोझिकोड में एक कमांड और कंट्रोल सेंटर स्थापित किया गया है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “बचाव अभियान के लिए कम से कम 1,500 सेना कर्मियों को तैनात किया गया है। हमने फोरेंसिक सर्जनों को तैनात किया है।”
वायनाड भूस्खलन
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि हजारों लोग राहत शिविरों में हैं और मानसिक आघात में हैं। उन्होंने कहा, “मैंने अस्पतालों और शिविरों का दौरा किया। हमारी प्राथमिकता मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान करना और संक्रामक रोगों को नियंत्रित करने पर ध्यान केंद्रित करना है।”
सेना ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि चूरलमाला में एक अस्थायी बेली ब्रिज का निर्माण सेना के मद्रास इंजीनियर ग्रुप के इंजीनियर टास्क फोर्स द्वारा किया जा रहा है।
भारतीय वायु सेना का एक विमान 110 फीट के बेली ब्रिज का एक और सेट और तीन खोज और बचाव कुत्ते टीमों को लेकर खोज अभियान में सहायता के लिए कन्नूर में उतरा है। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की अध्यक्षता में एक सर्वदलीय बैठक गुरुवार को वायनाड में होगी। विपक्ष के नेता राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी वाद्रा गुरुवार को वायनाड में राहत शिविरों का दौरा करेंगे।