नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने अपने सरकारी कर्मचारियों के लिए यूनीफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) को लागू करने का ऐलान किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में इस योजना को मंजूरी दी गई। इसके तहत मूल वेतन की 50 फीसदी राशि गारंटीड पेंशन के रूप में मिलेगी। इसके दायरे में 23 लाख केंद्रीय कर्मचारी आएंगे। अब सरकारी कर्मचारियों के पास नेशनल पेंशन स्कीम और यूनिफाइड पेंशन स्कीम चुनने का विकल्प होगा। वहीं राज्य सरकार भी अपने कर्मचारियों के लिए इस योजना को लागू कर सकती है।
अभी लोगों को UPS, NPS और OPS के अंतर और फायदे के बारे में जानकारी नहीं है। अगर आप भी तीनों पेंशन स्कीम्स को लेकर कंफ्यूज हैं, या जानना चाहते हैं कि तीनों स्कीम्स में क्या अंतर है, तो यहां आपको बताते हैं:
ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS)
कर्मचारी को आखिरी वेतन का 50 फीसदी पेंशन के रूप में मिलता था। कर्मचारी को योगदान नहीं देना पड़ता था। स्कीम में सिर्फ सरकारी कर्मचारी शामिल थे। डियरनेस रिलीफ का प्रावधान था। यानि हर 6 महीने में महंगाई के अनुसार, पेंशन बढ़ जाती थी। 20 साल की नौकरी पूरी होने पर 50 फीसदी पूर्ण पेंशन के हकदार होते थे।
नेशनल पेंशन स्कीम (NPS)
निवेश के आधार पर पेंशन मिलती है। सरकारी और प्राइवेट सभी कर्मचारियों के लिए योजना है। सरकारी कर्मचारी 10 फीसदी योगदान और सरकार 14 फीसदी योगदान देती है। एनपीएस का बाजार में निवेश होता है। इसलिए मार्केट के फायदे भी शामिल हैं। रिटायरमेंट के समय कुल जमा राशि का 60 फीसदी एकमुश्त निकाला जा सकता है। 40 फीसदी पेंशन के रूप में फिक्स होता है।
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS)
इसमें कर्मचारियों को उसके आखिरी वेतन का 50 फीसदी पेंशन मिलेगी। 10 साल से अधिक और 25 साल से कम में रिटायर होने पर आनुपातिक रूप से लाभ मिलेगा। कर्मचारी का योगदान 10 फीसदी और सरकार का 18.5 फीसदी होगा। एनपीएस की तरह मार्केट में निवेश नहीं किया जाएगा, जबकि ओपीएस की तरह डीआर का प्रावधान रहेगा। एनपीएस वाले कर्मचारी शामिल हो सकेंगे।
इन पेंशन योजनाओं की तुलना से स्पष्ट होता है कि हर योजना के अपने फायदे और नुकसान हैं। जबकि पुरानी पेंशन योजना (OPS) सरकार द्वारा पूरी तरह से वित्तपोषित और जोखिम-मुक्त थी। राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) और एकीकृत पेंशन योजना (UPS) कर्मचारियों को अधिक सक्रिय योगदान और बाजार जोखिम के साथ पेंशन सुरक्षा प्रदान करती हैं। जहां UPS की प्रस्तावित सुविधाएँ कुछ हद तक सुधारित हैं, फिर भी यह अभी भी NPS की तरह एक योगदान आधारित योजना है, जो OPS की गारंटी से बहुत दूर है। कर्मचारियों को पेंशन योजना का चयन करते समय अपने भविष्य की सुरक्षा और व्यक्तिगत जरूरतों को ध्यान में रखना आवश्यक है।