नई दिल्ली। 18वीं लोकसभा चुनाव में भाजपा ने अयोध्या में राम मंदिर के मुद्दे को चुनाव में भुनाने की कोशिश की। लेकिन राम मंदिर का मुद्दा भाजपा के लिए अयोध्या सहित पूरे यूपी में काम नहीं आया। हालात यह बने कि भाजपा को पूरे प्रदेश में पिछली बार की अपेक्षा भाजपा की 29 सीटें घट गई।
राम मंदिर का निर्माण अयोध्या में हुआ, अयोध्या का संसदीय क्षेत्र फैजाबाद है। ऐसे में विशेषज्ञों का मानना था कि भाजपा को यहां राम मंदिर के नाम पर जीत मिल सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। फैजाबाद लोकसभा सीट पर सपा प्रत्याशी अवधेश प्रसाद ने भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह को 54,567 वोटों से हरा दिया। ऐसे में सवाल उठता है कि ऐसी कौन से कारण हैं, जिसकी वजह से भाजपा को अयोध्या शिकस्त मिली।
मिल्कीपुर विधानसभा सीट ने किया फैसला
दरअसल, फैजाबाद लोकसभा सीट की पांच विधानसभा सीट में से बीकापुर विधानसभा सीट से सर्वाधिक मतों ने सपा प्रत्याशी अवधेश प्रसाद को जीत दिला दी। यहां से मिली बढ़त ही भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह के पराजय का कारण बनी। भाजपा प्रत्याशी को बीकापुर विधानसभा क्षेत्र में कुल 92,859 मत प्राप्त हुए लेकिन सपा प्रत्याशी अवधेश प्रसाद को 1,22,543 मत मिले। मतगणना में अकेले बीकापुर या मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र से 29,684 वोटों की बढ़त को लेकर लगातार आगे बढ़े अवधेश प्रसाद ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। बीकापुर विधानसभा क्षेत्र से अवधेश प्रसाद दूसरी बार विधायक हैं।
दरअसल, पहले सोहावल विधानसभा सीट (सुरक्षित) हुआ करती थी। परिसीमन के बाद वह बीकापुर के नाम से जानी जाने लगी। मिल्कीपुर (सुरक्षित) सीट हो गई, जहां से गठबंधन के प्रत्याशी अवधेश प्रसाद दूसरी बार विधायक हैं।
आरक्षण खत्म होने की आशंका से टूटा वोट बैंक
अवधेश प्रसाद पासी बिरादरी से आते हैं। अवधेश के उम्मीदवार बनते ही, वे बिरादरी के उम्मीदवार के लिए एकजुट होने लगे। यही वजह रही कि अयोध्या विधानसभा क्षेत्र को छोड़कर संसदीय सीट की अन्य सभी विस सीट मिल्कीपुर, बीकापुर, रुदौली व बाराबंकी जिले की दरियाबाद सीट उसे भाजपा से बढ़त दिलाई। आरक्षण खत्म होने की आशंका में कुर्मी बिरादरी के मतदाता भी सपा की साइकिल पर सवार हो गए।