नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए युद्धविराम को एक बड़ी उपलब्धि बताते हुए कश्मीर मुद्दे पर दोनों देशों के साथ मिलकर समाधान तलाशने की इच्छा जताई है। यह बयान ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर दिया, जिसमें उन्होंने दोनों देशों के नेतृत्व की तारीफ की और इसे ‘हजारों साल पुराने’ कश्मीर विवाद के समाधान की दिशा में एक कदम बताया। ट्रंप ने कहा कि यह युद्धविराम लाखों लोगों की जान बचा सकता है और क्षेत्र में शांति लाने में मददगार होगा।
शनिवार को ट्रंप ने घोषणा की थी कि अमेरिकी मध्यस्थता के बाद भारत और पाकिस्तान ने पूर्ण और तत्काल युद्धविराम पर सहमति जताई है। यह युद्धविराम तीन दिनों तक चली भारी सैन्य कार्रवाइयों के बाद हुआ, जिसमें दोनों देशों ने एक-दूसरे के सैन्य ठिकानों पर हमले किए। भारत ने इसे ऑपरेशन सिंदूर का जवाब बताया, जिसके तहत उसने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था। दूसरी ओर, पाकिस्तान ने ‘ऑपरेशन बुनयान-अल-मार्सूस’ शुरू कर भारत के कई राज्यों में ड्रोन और मिसाइल हमले किए।
पाकिस्तान पर समझौते के उल्लंघन का आरोप
हालांकि, युद्धविराम के कुछ ही घंटों बाद भारत ने पाकिस्तान पर समझौते के उल्लंघन का आरोप लगाया। जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर, अखनूर और राजौरी जैसे क्षेत्रों में भारी गोलाबारी और ड्रोन गतिविधियों की सूचना मिली। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इसे विश्वास का गंभीर उल्लंघन करार देते हुए कहा कि भारतीय सेनाएं इसका जवाब दे रही हैं। वहीं, पाकिस्तान ने इन आरोपों को खारिज करते हुए भारत पर उल्लंघन का आरोप लगाया।
युद्धविराम द्विपक्षीय बातचीत का नतीजा
भारत ने स्पष्ट किया कि युद्धविराम द्विपक्षीय बातचीत का नतीजा था, न कि अमेरिकी मध्यस्थता का। विदेश सचिव मिस्री ने कहा कि पाकिस्तानी डीजीएमओ ने भारतीय समकक्ष से संपर्क किया और दोनों पक्षों ने 5 बजे से युद्धविराम लागू करने पर सहमति जताई। ट्रंप ने इस युद्धविराम को दोनों देशों के साथ व्यापार बढ़ाने और कश्मीर मुद्दे पर दीर्घकालिक समाधान की दिशा में एक अवसर बताया।