देश में करीब 50 करोड़ कामगारों को आगामी 2024 के बजट में खुशखबरी मिल सकती है। दरअसल ऐसी उम्मीद की जा रही है कि 6 साल के अंतराल के बाद इस बार न्यूनतम मजदूरी में बढ़ोतरी हो सकती है। अगर ऐसा होता है तो इससे करोड़ों लोगों के जीवन पर सीधा सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इससे पहले न्यूनतम मजदूरी या मिनिमम वेज में 2017 में बदलाव हुआ था और इसके बाद से अब तक एक भी बढ़ोतरी नहीं हुई है।
न्यूनतम मजदूरी में सुधार के लिए 2021 में एक एक्सपर्ट कमिटी बनाई गई थी। ET की एक रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया है कि एसपी मुखर्जी के अगुवाई वाली एक्सपर्ट कमेटी जल्द ही अपने सुझाव को पेश कर सकती है और उसके बाद न्यूनतम मजदूरी को बढ़ाया जा सकता है।
कमेटी ने पूरा किया अपना काम
रिपोर्ट में अधिकारियों ने बताया कि मुखर्जी कमिटी ने अपना पूरा काम कर लिया है और कमेटी जल्दी ही अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप सकती है। बस अब कमेटी की एक अंतिम दौर की बैठक की देरी है। रिपोर्ट्स सौंपे जाने के बाद सरकार न्यूनतम मजदूरी की नई लिमिट को नोटिफाई कर सकती है। कमेटी का कार्यकाल भी जल्दी ही समाप्त होने वाली है, क्योंकि कमेटी को जून 2024 तक के लिए ही बनाया गया था।
कुछ महीने बाद होने वाले हैं चुनाव
अब से दो सप्ताह बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में बजट पेश करने वाली हैं और यह बजट मोदी सरकार का दूसरे कार्यकाल का अंतिम बजट है। फरवरी में संसद के बजट सत्र के बाद कभी भी देश में चुनाव की घोषणा हो सकती है और लोकसभा का कार्यकाल भी समाप्त हो रहा है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि अप्रैल और मई के दौरान देश में लोकसभा चुनाव हो सकते हैं।
अभी इतनी है न्यूनतम मजदूरी
अभी भारत में न्यूनतम मजदूरी 176 रुपए प्रतिदिन है और 2017 में आखिरी बदलाव के बाद महंगाई काफी बढ़ी। जीवन यापन की लागत भी ऊपर उठ गई है। इसी कारण से लंबे समय से न्यूनतम मजदूरी को बढ़ाने की मांग हो रही है। देश में करीब 50 करोड़ कामगार है, जिनमें से 90 फीसदी अनऑर्गेनाइज्ड सेक्टर के हैं और मिनिमम वेज बढ़ाने से उन्हें सीधा फायदा होगा।