तिरुवनंतपुरम। केरल में निपाह वायरस ने फिर से दहशत फैला दी है। मलप्पुरम और पलक्कड़ में एक-एक निपाह का मामला सामने आने के बाद कोझिकोड, मलप्पुरम और पलक्कड़ जिलों में हाई अलर्ट जारी किया गया है। स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि मलप्पुरम और कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में शुरुआती जांच में निपाह की पुष्टि हुई। अंतिम पुष्टि के लिए नमूने पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) भेजे गए हैं।
मलप्पुरम के मंकदा की 18 साल की एक लड़की, जो 1 जुलाई को कोझिकोड में मस्तिष्क ज्वर (एन्सेफलाइटिस) से मर गई, और पलक्कड़ के थचनट्टुकारा की 38 साल की एक महिला, जो पेरिन्थलमन्ना के एक निजी अस्पताल में वेंटिलेटर पर है, निपाह पॉजिटिव पाई गई हैं। लड़की की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी निपाह की पुष्टि हुई, जिसके बाद पोस्टमॉर्टम करने वाले मेडिकल स्टाफ को क्वारंटाइन कर दिया गया। महिला की हालत बेहद नाजुक है। वह पहले करिन्कल्लथानी और मन्नार्क्कड के अस्पतालों में इलाज के लिए गई थी।
स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत निपाह प्रोटोकॉल लागू कर दिए
स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत निपाह प्रोटोकॉल लागू कर दिए हैं। तीनों जिलों में 26-26 समितियां बनाई गई हैं, जो संपर्क ट्रेसिंग, निगरानी और जागरूकता का काम कर रही हैं। पुलिस की मदद से संपर्क सूची तैयार की जा रही है। थचनट्टुकारा और करिम्बुझा पंचायत के कुछ वार्डों को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है। जिला कलेक्टरों को असामान्य मौतों की जांच के आदेश दिए गए हैं।
केरल में निपाह का यह सातवां प्रकोप है। इससे पहले 2018, 2019, 2021, 2023 और 2024 में मामले सामने आए थे। निपाह फल खाने वाले चमगादड़ों से फैलता है और जानलेवा हो सकता है। मई 2024 में मलप्पुरम में एक 42 साल की महिला निपाह से ठीक हुई थी। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से मास्क पहनने, भीड़ से बचने और सावधानी बरतने की अपील की है।