नई दिल्ली। विदेश मंत्रालय (एमईए) ने गुरुवार को कहा कि रूसी सेना में सहायक स्टाफ के रूप में काम करने वाले दस भारतीय नागरिकों को रिहा कर दिया गया है और वे भारत लौट आए हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि नई दिल्ली देश की सेना में समान पदों पर कार्यरत अन्य सभी नागरिकों की वापसी सुनिश्चित करने के लिए रूस पर दबाव डाल रही है।
जायसवाल ने अपनी साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, “ऐसे दस व्यक्ति भारत वापस आ गए हैं और उन्हें रिहा कर दिया गया है और वे घर लौट आए हैं।” रूसी सेना में सहायक कर्मचारी के रूप में काम करने वाले दो भारतीयों की जान चले जाने के बाद भारत ने पिछले महीने अपने नागरिकों से ऐसी नौकरियां करके अपनी जान जोखिम में न डालने का आह्वान किया था।
सभी लोगों को स्वेदश लाने के लिए प्रतिबद्ध
जायसवाल ने कहा कि भारतीय पक्ष विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और रूस में कई अन्य संगठनों सहित विभिन्न स्तरों पर रूसी सेना में सेवारत सभी भारतीयों के मामले को बहुत सक्रिय रूप से आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा, “हम उन सभी लोगों को वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो अब तक हमारे संपर्क में आए हैं और रिहा होकर स्वदेश लौटना चाहते हैं।”
भारतीय अधिकारी अपने रूसी समकक्षों के संपर्क में
उन्होंने कहा, “रूसी पक्ष ने हमें आश्वासन दिया है कि जो अन्य भारतीय वहां हैं, उन्हें भी रिहा कर दिया जाएगा और वे घर लौट आएंगे। हम उन विवरणों पर काम कर रहे हैं।” रूसी सेना में सेवारत जम्मू-कश्मीर के एक भारतीय नागरिक के मामले पर और जिसके रिश्तेदारों को कथित तौर पर कुछ अधिकारियों ने उसकी रिहाई सुनिश्चित करने के लिए रूसी अधिकारियों से संपर्क करने के लिए कहा था।
जायसवाल ने कहा कि भारतीय अधिकारी अपने रूसी समकक्षों के संपर्क में हैं। उन्होंने कहा, “हम उसे वापस लाने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं।” ऐसी रिपोर्टें थीं जिनमें कहा गया था कि रूसी सेना के साथ काम करने के लिए पिछले साल से लगभग 200 भारतीय नागरिकों को भर्ती किया गया था।