नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 2022 के बाद पहली बार मिलेंगे। इससे पहले वे उज्बेकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन के मौके पर मिले थे। तब पीएम मोदी ने कहा था कि यह युग युद्ध का नहीं है। हालांकि, तब से राष्ट्रपति पुतिन यूक्रेन के साथ युद्ध पर अपने रास्ते से नहीं भटके हैं।
पीएम मोदी की 2 दिवसीय यात्रा के दौरान सभी की निगाहें यूक्रेन युद्ध के संबंध में उनके संदेश पर होंगी। वहीं उम्मीद है कि यूक्रेन के साथ युद्ध में रूसी सेना द्वारा भारतीय नागरिकों की भर्ती का मुद्दा नेताओं के बीच चर्चा का मुख्य बिंदु होगा। सूत्रों के मुताबिक, रूस-यूक्रेन युद्ध में लड़ रहे भारतीय नागरिकों को वापस लाना शीर्ष प्राथमिकताओं में से एक होगा। अब तक कम से कम चार भारतीय मारे गए हैं और माना जाता है कि लगभग 35-50 रंगरूट सेना में हैं, जबकि 10 को लौटने की अनुमति दी गई है।
रूस के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित होंगे मोदी
रूसी सेना के अनुसार, देश का कानून सेना में विदेशी भर्तियों की अनुमति देता है और इसे श्रीलंका, चीन और अन्य से स्वयंसेवक भी मिले हैं। हालांकि, किसी भी भर्ती की छुट्टी सैन्य आयोग के माध्यम से होगी। जैसा कि 2019 में घोषणा की गई थी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कल रूस के सर्वोच्च राज्य सम्मान, ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल से सम्मानित किया जाएगा।