नई दिल्ली। मुंबई के घाटकोपर में गिरे बिलबोर्ड को लगाने की जिम्मेदारी व्यवसायी भावेश भिंडे की कंपनी पर थी। पुलिस द्वारा भावेश को कल रात राजस्थान के उदयपुर से गिरफ्तार कर लिया गया और आज सुबह मुंबई ले जाया गया जहां उन्हें अदालत में पेश किया जाएगा। एगो मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के मालिक भिंडे को मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने बड़े पैमाने पर छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया।
यह विनाशकारी घटना सोमवार शाम को हुई, जब तेज हवाओं और बेमौसम बारिश के बीच 120 फीट गुणा 120 फीट का बिलबोर्ड पास के पेट्रोल पंप पर गिर गया, इसके परिणामस्वरूप 16 लोगों की मौत हो गई और 75 अन्य घायल हो गए। घटना के बाद भिंडे अपने ड्राइवर के साथ कार में बैठकर मुंबई भाग गया। मुंबई पुलिस की कुल आठ टीमों को भिंडे का पता लगाने के लिए विभिन्न स्थानों पर भेजा गया था, जिसे होर्डिंग गिरने के तीन दिन बाद आखिरकार गुरुवार शाम को उदयपुर में ढूंढ लिया गया।
उदयपुर के होटल में छिपा था आरोपी
पुलिस के मुताबिक लोनावला जाने के बाद भिंडे अगले दिन मुंबई लौट आए। वहां से वह ठाणे गया, फिर अहमदाबाद गया और कई बार स्थान बदलने के बाद वह अपना नाम बदलकर उदयपुर के एक होटल में छिप गया। जांच की देखरेख कर रहे संयुक्त सीपी क्राइम लख्मी गौतम ने मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच की एक टीम को उदयपुर भेजा, जहां उन्होंने उसे ट्रैक किया और हिरासत में ले लिया।
गुरुवार को राहत और बचाव अभियान खत्म
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के एक अधिकारी ने इसकी पुष्टि की। ढहने वाली जगह पर खोज और बचाव अभियान गुरुवार सुबह 10 बजे समाप्त हुआ। अवैध बिलबोर्ड राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के कब्जे वाली जमीन पर लगाया गया था। इस घटना ने मुंबई में विज्ञापन प्रतिष्ठानों की नियामक निगरानी में गंभीर खामियों को उजागर किया है, जिससे सुरक्षा मानकों को सख्ती से लागू करने की मांग उठने लगी है।