नई दिल्ली। प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर द्वारा नौकरी पाने के लिए कथित तौर पर फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र जमा करने के दावों के बीच अब एक और पूर्व नौकरशाह के विकलांगता मानदंड में चयन पर सवाल उठ रहे हैं। 2011 बैच के आईएएस अधिकारी अभिषेक सिंह ने एक्टर बनने के लिए पिछले साल पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके डांस और जिम जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद उन्हें आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं।
अभिषेक सिंह द्वारा साझा किए गए वीडियो पर कई यूजर्स ने टिप्पणी की कि नौकरशाही चयन प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही होनी चाहिए। अभिषेक सिंह ने यूपीएससी चयन प्रक्रिया में रियायतें प्राप्त करने के लिए लोकोमोटर विकलांगता होने का दावा किया था। इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए अभिषेक सिंह ने कहा कि आरक्षण का समर्थन करने के कारण उन्हें निशाना बनाया जा रहा है।
आरक्षण का समर्थन किया, इसलिए निशाना बनाया जा रहा: अभिषेक
अभिषेक सिंह ने कहा, “हालांकि मैं किसी भी आलोचना से प्रभावित नहीं हूं, लेकिन यह पहली बार है कि मैं अपने आलोचकों को जवाब दे रहा हूं क्योंकि मेरे समर्थकों ने मुझसे ऐसा करने को कहा है। जब से मैंने आरक्षण का समर्थन करना शुरू किया है, आरक्षण विरोधियों ने मुझे निशाना बनाया है। वे मेरी जाति और मेरी नौकरी पर सवाल उठाते हैं। आपको बता दूं, मैंने सब कुछ कड़ी मेहनत और साहस से हासिल किया है, आरक्षण से नहीं।”
जनसंख्या के अनुसार नौकरियों में हो आरक्षण: अभिषेक सिंह
उन्होंने कहा, “मैंने सरकारी मदद के बिना यूनाइटेड बाय ब्लड और नो-शेम मूवमेंट जैसी अपनी पहल के माध्यम से सामाजिक कार्य किया है। मेरा मानना है कि सरकारी नौकरियों में आरक्षण जनसंख्या के अनुसार होना चाहिए और मैं उस दिशा में काम करूंगा। अगर आपको लगता है कि आपके पास प्रतिभा है , सरकारी नौकरियों के लिए प्रयास करना बंद करें और व्यवसाय, खेल या अभिनय में उत्कृष्टता प्राप्त करें। वहां कोई आरक्षण नहीं है। मैं किसी के पक्ष में नहीं बल्कि अपनी प्रतिभा, आत्मविश्वास और साहस के दम पर आगे बढ़ता हूं।”