नई दिल्ली। एयर इंडिया एक्सप्रेस ने अपने कम से कम 30 केबिन क्रू को बर्खास्त कर दिया है। कंपनी ने यह फैसला तब लिया है, जब एक दिन पहले एयरलाइन के लगभग 300 कर्मचारियों ने बीमार होने की बात कहकर काम पर आना बंद कर दिया और अपने फोन बंद कर लिए। इस कारण बड़े पैमाने पर उड़ान बाधित हुई।
सूत्रों के मुताबिक नौकरी से निकाले जाने की संख्या बढ़ने की संभावना है और प्रबंधन आज केबिन क्रू सदस्यों के साथ टाउनहॉल बैठक कर सकता है। आज कुल 76 उड़ानें रद्द कर दी गई हैं, क्योंकि कम लागत वाली एयरलाइन के लिए संकट की स्थिति उत्पतन्न हो गई है। यह कंपनी एयर इंडिया की सहायक कंपनी है जो कि अब टाटा समूह के स्वामित्व में है।
व्यवहार में समानता की कमी का आरोप
सूत्रों ने बताया कि कर्मचारी नई रोजगार शर्तों का विरोध कर रहे हैं। सूत्रों ने कहा कि चालक दल ने कर्मचारियों के साथ व्यवहार में समानता की कमी का आरोप लगाया है। सूत्रों ने कहा कि उन्होंने दावा किया है कि कुछ स्टाफ सदस्यों को वरिष्ठ पदों के लिए साक्षात्कार पास करने के बावजूद कम नौकरी की पेशकश की गई है। चालक दल ने अपने मुआवजे पैकेज में कुछ संशोधनों को भी हरी झंडी दिखाई है।
एयर इंडिया एक्सप्रेस के एक प्रवक्ता ने कल कहा कि प्रबंधन सामूहिक छुट्टी के पीछे के कारणों को समझने के लिए चालक दल के साथ बातचीत कर रहा है और कहा कि वे यात्रियों को असुविधा कम करने के लिए काम कर रहे हैं। चालक दल के 25 सदस्यों को जारी किए गए बर्खास्तगी पत्र में कहा गया है कि सामूहिक अवकाश स्पष्ट रूप से बिना किसी उचित कारण के काम से पूर्व-निर्धारित और ठोस अनुपस्थिति की ओर इशारा करता है।
कंपनी को प्रतिष्ठा और आर्थिक नुकसान झेलनी पड़ी
उसने कहा, “इसके परिणामस्वरूप, बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द करनी पड़ीं, जिससे पूरा शेड्यूल बाधित हो गया। इससे कंपनी के सम्मानित यात्रियों को भारी असुविधा हुई। आपका कृत्य न केवल सार्वजनिक हित के प्रति खतरनाक है, बल्कि इससे शर्मिंदगी भी हुई है। इससे कंपनी की प्रतिष्ठा को नुकसान और गंभीर आर्थिक क्षति उठानी पड़ी है।”