गाय के दूध में पाया गया बर्ड फ्लू वायरस, क्या यह इंसानों को भी प्रभावित करेगा?

गाय के दूध में पाया गया बर्ड फ्लू वायरस

नई दिल्ली। संयुक्त राज्य अमेरिका में पाश्चुरीकृत गाय के दूध में बर्ड फ्लू वायरस का अंश पाया गया है। इसके बाद यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या यह बीमारी मनुष्यों में फैल सकती है? वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि इस वायरस से स्तनधारी जीवों से मिलने वाले खाद्य पदार्थों को कोई खतरा नहीं है।

अमेरिकी अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि उन्हें एक बड़े अध्ययन के दौरान गाय के दूध की आपूर्ति में बर्ड फ्लू वायरस के निशान मिले हैं, लेकिन नमूनों से मनुष्यों के स्वास्थ्य के लिए कोई खतरा नहीं है।

वायरस के कारण गायें बीमार नहीं पड़ी

अधिकारियों ने कहा कि अत्यधिक रोगजनक एवियन इन्फ्लुएंजा (एचपीएआई) का प्रकोप पूरे संयुक्त राज्य अमेरिका में डेयरी मवेशियों के झुंडों में फैल गया है और एक इंसान को संक्रमित किया है, जिसमें हल्के लक्षण पाए गए हैं। हालांकि एचपीएआई के एच5एन1 स्ट्रेन ने मौजूदा लहर के दौरान लाखों मुर्गे-मुर्गियों को मार डाला है। हालांकि इससे प्रभावित गायें गंभीर रूप से बीमार नहीं पड़ी हैं।

अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने कहा कि एक राष्ट्रीय सर्वेक्षण के दौरान, उसने प्रभावित जानवरों के दूध में प्रसंस्करण प्रणाली में और अलमारियों पर वायरल कणों की खोज की थी। लेकिन नमूनों को एक मात्रात्मक पोलीमरेज चेन रिएक्शन (क्यूपीसीआर) परीक्षण के माध्यम से चलाया गया, जो रोगजनक की आनुवांशिक सामग्री के अवशेषों का पता लगाने में सक्षम है। हालांकि वायरस स्वयं पाश्चुरीकरण प्रक्रिया की गर्मी से निष्क्रिय हो गया था।

गायों के लिए खतरा नहीं माना गया

बर्ड फ्लू A/H5N1 स्ट्रेन पहली बार 1996 में सामने आया था, लेकिन 2020 के बाद से इससे संक्रमित पक्षी आबादी की संख्या में वृद्धि हुई है। तब से बड़ी संख्या में स्तनधारी जीव भी संक्रमित हुए हैं। मार्च में, गाय और बकरियां दोनों इस सूची में शामिल हो गईं, जो विशेषज्ञों के लिए आश्चर्य की बात थी क्योंकि अब तक जानवरों को इस प्रकार के वायरस से संक्रमित होने का खतरा नहीं माना गया था।

पेरिस में पाश्चर इंस्टीट्यूट में पर्यावरण और संक्रमण जोखिम विभाग के निदेशक जीन-क्लाउड मनुगुएरा ने कहा, “संयुक्त राज्य अमेरिका में एक नया H5N1 वायरस स्थानीय वायरस के साथ मिल गया है और गाय के थन में बहुत तेजी से बढ़ने की क्षमता रखता है।” लेकिन भले ही मौजूदा लहर के दौरान H5N1 ने लाखों मुर्गे-मुर्गियों को मार डाला है, लेकिन संक्रमित गायें गंभीर रूप से बीमार नहीं हुई हैं।

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