बॉलीवुड एक्ट्रेस पूनम पांडे की वजह से सर्वाइकल कैंसर रातों-रात चर्चा का विषय बन गया है और लोग सर्वाइकल कैंसर के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानना चाहते हैं। लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन और भारत सरकार लंबे समय से इस कैंसर को लेकर गंभीर हैं। खासकर सर्वाइकल कैंसर को लेकर हर महिला को सावधान रहने की जरूरत है। तो आइए आज हम आपको बताते हैं कि सर्वाइकल कैंसर क्या है, इसके लक्षण क्या हैं, यह कैसे होता है और इससे बचाव का इलाज क्या है?
सर्वाइकल कैंसर क्या है?
सर्वाइकल कैंसर को आमतौर पर गर्भाशय का कैंसर भी कहा जाता है। भारत में महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर दूसरा सबसे आम कैंसर है। जो ह्यूमन पैपिलोमा वायरस यानी एचपीवी के कारण होता है। यह संक्रमण होना बहुत आम है और अधिकांश लोग अपने जीवन में इस वायरस से संक्रमित हो जाते हैं। लेकिन कुछ लोगों का शरीर इस वायरस को खत्म करने में सक्षम होता है। और कुछ में, वायरस गर्भाशय ग्रीवा में असामान्य कोशिका वृद्धि का कारण बनता है। जो बाद में कैंसर में तब्दील हो जाता है।
सर्वाइकल कैंसर के शुरुआती लक्षण
सर्वाइकल कैंसर शुरुआत में कोई लक्षण नहीं दिखाता है। जैसे-जैसे कैंसर बढ़ता है, महिलाओं को योनि से रक्तस्राव का अनुभव होता है। साथ ही पेट के निचले हिस्से में भी दर्द महसूस होता है। इसके अलावा असामान्य रूप से वजन कम होना और शरीर में लगातार थकान बनी रहती है। ये लक्षण सर्वाइकल कैंसर के शुरुआती चरण में दिखाई देते हैं।
सर्वाइकल कैंसर से कैसे बचें?
सर्वाइकल कैंसर से बचाव का सबसे अच्छा इलाज एचपीवी वैक्सीन है। वित्त मंत्री निर्मला सीताराम ने भी बजट में इस टीकाकरण का जिक्र किया. यह टीका लड़कियों और महिलाओं को एचपीवी संक्रमण से बचाता है। यह वायरस सर्वाइकल कैंसर का मुख्य कारण है। भारत में 9 से 26 वर्ष की लड़कियों और महिलाओं के लिए एचपीवी वैक्सीन उपलब्ध है। इसके अलावा, हर महिला को सर्वाइकल कैंसर से बचने के लिए नियमित एचपीवी परीक्षण करवाना चाहिए, सुरक्षित यौन संबंध बनाना चाहिए, धूम्रपान नहीं करना चाहिए, नियमित व्यायाम करना चाहिए और स्वस्थ आहार करना चाहिए।
सर्वाइकल कैंसर के लिए टेस्ट
सर्वाइकल कैंसर के लिए नियमित जांच महत्वपूर्ण है। इसके लिए मुख्य रूप से पैप स्मीयर और एचपीवी टेस्ट किया जाता है। इन दोनों परीक्षणों का उपयोग सर्वाइकल कैंसर का पता लगाने के लिए किया जा सकता है या नहीं। चूंकि हर साल कई महिलाएं सर्वाइकल कैंसर के कारण अपनी जान गंवा देती हैं, इसलिए सर्वाइकल कैंसर के प्रति जागरूक रहना और नियमित स्वास्थ्य जांच कराना महत्वपूर्ण है।