नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने बुधवार को मंडी से भाजपा की लोकसभा सदस्य कंगना रनौत को किन्नौर निवासी एक याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें उनके चुनाव को इस आधार पर रद्द करने की मांग की गई थी कि उन्होंने लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था, जिसे कथित तौर पर गलत तरीके से खारिज कर दिया गया था।
नोटिस जारी करते हुए न्यायमूर्ति ज्योत्सना रेवाल ने रानौत को 21 अगस्त तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। रानौत ने अपने प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस उम्मीदवार विक्रमादित्य सिंह को 74,755 मतों से हराकर मंडी लोकसभा सीट जीती थी। उन्हें सिंह के 4,62,267 वोटों के मुकाबले 5,37,002 वोट मिले थे। रानौत के चुनाव को रद्द करने की अपील करते हुए याचिकाकर्ता लायक राम नेगी ने कहा कि उनके नामांकन पत्र को रिटर्निंग ऑफिसर (उपायुक्त, मंडी) ने गलत तरीके से खारिज कर दिया था और उन्हें भी एक पक्ष बनाया था।
रिटर्निंग अधिकारी ने अदेयता प्रमाणपत्र को किया था अस्वीकार
वन विभाग के पूर्व कर्मचारी नेगी ने कहा कि उन्हें समय से पहले सेवानिवृत्ति मिल गई और उन्होंने रिटर्निंग अधिकारी को नामांकन पत्र के साथ विभाग से कोई बकाया नहीं प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत किया। हालांकि, उन्हें बिजली, पानी और टेलीफोन विभागों से अदेयता प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने के लिए एक दिन का समय दिया गया था और जब उन्होंने उन्हें जमा किया, तो रिटर्निंग अधिकारी ने उन्हें स्वीकार नहीं किया और नामांकन पत्र खारिज कर दिया।
उन्होंने अनुरोध किया कि यदि उनके कागजात स्वीकार कर लिए गए होते तो वे चुनाव जीत सकते थे और उन्होंने कहा कि उनके चुनाव रद्द कर दिया जाए।