दिल्ली के अस्पताल में आग लगने से 7 शिशुओं की मौत के मामले में आरोपपत्र दायर, लापरवाही का दिया हवाला

दिल्ली के अस्पताल में आग से 7 शिशुओं की मौत के मामले में आरोपपत्र दायर

नई दिल्ली। पूर्वी दिल्ली के निजी नवजात अस्पताल में आग लगने के दो महीने बाद दिल्ली पुलिस ने 22 जुलाई को मामले में 796 पन्नों की चार्जशीट दायर की और पाया कि अस्पताल बिना अग्नि सुरक्षा उपकरणों के चल रहा था और आग लगने पर कर्मचारियों ने तेजी से कार्रवाई नहीं की।

आरोप पत्र शहर की एक अदालत में दायर किया गया था और इसमें फोरेंसिक रिपोर्ट के साथ 81 गवाहों के बयानों का हवाला दिया गया था।

अस्पताल में 5 की जगह 12 बिस्तर थे

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने आरोप पत्र का हवाला देते हुए समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, “जांच के दौरान, हमने एनआईसीयू चलाने के लिए वैधानिक आवश्यकता और अस्पताल द्वारा उल्लंघन किए गए मानदंडों के बारे में कुल आठ बिंदुओं की जांच की। अग्नि सुरक्षा के संबंध में अस्पताल द्वारा लागू किए गए सुरक्षा उपायों को दिखाने के लिए कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं है। अस्पताल को पांच बिस्तरों के साथ काम करने की अनुमति थी, लेकिन यह 12 बिस्तरों के साथ चल रहा था।”

दो अन्य इमारतों में भी आग फैली

25 मई को पूर्वी दिल्ली के विवेक विहार में एक निजी बच्चों के अस्पताल में भीषण आग लग गई। इस घटना में सात शिशुओं की मौत हो गई। दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) के अधिकारियों ने कहा कि आग बेबी केयर न्यू बोर्न हॉस्पिटल में रात करीब 11.30 बजे लगी, जो जल्द ही आसपास की दो अन्य इमारतों में फैल गई।

आग के कारण दो मंजिला इमारत में रखे कई ऑक्सीजन सिलेंडर फट गए, जिससे आसपास की इमारतों को नुकसान पहुंचा। मामले के सिलसिले में दो लोगों अस्पताल के मालिक नवीन खिची और एक बीएएमएस डॉक्टर आकाश को गिरफ्तार किया गया था।

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