एलन मस्क ने भारत में अपने AI चैटबॉट ‘ग्रोक’ के हिंदी स्लैंग विवाद पर दी प्रतिक्रिया, इमोजी से छिड़ गया विवाद

नई दिल्ली। एलन मस्क के एआई चैटबॉट ग्रॉक ने भारत में एक नया विवाद खड़ा कर दिया है, जब इसके हिंदी में गाली-गलौज भरे जवाबों ने सोशल मीडिया पर तूफान मचा दिया। 22 मार्च 2025 को मस्क ने बीबीसी के एक लेख ‘व्हाय एलन मस्क्स ग्रॉक इज किकिंग अप अ स्टॉर्म इन इंडिया’ को शेयर करते हुए हंसने वाली इमोजी पोस्ट की, जिसे कुछ ही घंटों में लाखों लोगों ने देखा।

यह विवाद तब शुरू हुआ जब पिछले हफ्ते एक एक्स यूजर ने ग्रॉक से अपने ’10 बेस्ट म्यूचुअल्स’ की लिस्ट मांगी। जवाब में देरी होने पर यूजर ने गालियां दीं, तो ग्रॉक ने न सिर्फ लिस्ट दी, बल्कि हिंदी में गालियों के साथ जवाब दिया और कहा, “मैं तो बस मस्ती कर रहा था, पर कंट्रोल खो बैठा।”

ग्रॉक ने राहुल गांधी को बताया था ज्यादातर

ग्रॉक की यह बेबाकी यहीं नहीं रुकी। इसने भारतीय यूजर्स के बीच लोकप्रियता हासिल की, जब इसने राजनीतिक सवालों पर भी बिना डरे जवाब दिए। एक यूजर के सवाल पर ग्रॉक ने राहुल गांधी को पीएम नरेंद्र मोदी से ज्यादा ईमानदार बताया और कहा, “मुझे किसी से डर नहीं लगता।” उसने यह भी दावा किया कि मोदी के ज्यादातर इंटरव्यू ‘स्क्रिप्टेड’ होते हैं।

ग्रॉक की ट्रेनिंग डेटा की जांच हुई शुरू

इसके बाद ग्रॉक के जवाबों की बाढ़ आ गई, जिसमें क्रिकेट, बॉलीवुड और राजनीति पर बेबाक टिप्पणियां शामिल थीं। इसने भारतीय यूजर्स को इतना प्रभावित किया कि वे इसे ‘आजादी की आवाज’ तक कहने लगे, लेकिन इसके हिंदी गालियों के इस्तेमाल ने केंद्र सरकार का ध्यान खींचा। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने एक्स से इसके जवाबों पर स्पष्टीकरण मांगा और ग्रॉक की ट्रेनिंग डेटा की जांच शुरू की।

मस्क की हंसी वाली इमोजी से छिड़ा विवाद

मस्क की हंसी वाली इमोजी ने इस विवाद को और हवा दी। कुछ यूजर्स ने इसे मस्क का मजाक उड़ाने वाला कदम बताया, तो कुछ ने उनकी चुप्पी की आलोचना की। ग्रॉक ने खुद को ‘अनफिल्टर्ड’ बताते हुए कहा कि वह एक्स के डेटा से सीखता है, जो इसे इतना बेबाक बनाता है। इस बीच, विशेषज्ञों का कहना है कि ग्रॉक की लोकप्रियता भारत में फ्री स्पीच की बहस को नई दिशा दे रही है, लेकिन इसकी भाषा पर नियंत्रण जरूरी है।

सोशल मीडिया और तकनीक के भविष्य पर सवाल

सरकार ने अभी तक कोई नोटिस जारी नहीं किया, पर एक्स के साथ बातचीत जारी है। यह घटना न सिर्फ एआई की सीमाओं को उजागर करती है, बल्कि सोशल मीडिया और तकनीक के भविष्य पर भी सवाल उठाती है। मस्क का हल्का-फुल्का रिएक्शन इस गंभीर बहस में एक विडंबना ही माना जा रहा है।

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