नई दिल्ली। बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पद से हटने और देश से भागने के बाद मंगलवार को अपना पहला बयान जारी किया। इसमें तख्तापलट को उनके पिता और बांग्लादेश के संस्थापक राष्ट्रपति बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान और कई शहीदों का गंभीर अपमान बताया गया। उन्होंने कहा कि जिन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी, उनका अपमान किया गया।
हसीना ने जारी बयान में कहा, “राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान, जिनके नेतृत्व में हमने एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में आत्मसम्मान हासिल किया, आत्म-पहचान पाई और एक स्वतंत्र देश प्राप्त किया, उनका घोर अपमान किया गया है।” बांग्लादेश की प्रधानमंत्री पद से उन्हें हटाने के पीछे की ताकतों पर निशाना साधते हुए हसीना ने कहा, “उन्होंने लाखों शहीदों के खून का अपमान किया। मैं देशवासियों से न्याय चाहती हूं।”
15 अगस्त को राष्ट्रीय शोक दिवस मनाने की अपील
इसके अलावा, अवामी लीग प्रमुख ने बांग्लादेशी नागरिकों से शेख मुजीबुर रहमान की हत्या की सालगिरह के अवसर पर 15 अगस्त को राष्ट्रीय शोक दिवस मनाने का भी आग्रह किया।
उन्होंने कहा, “मैं आपसे 15 अगस्त को राष्ट्रीय शोक दिवस को उचित गरिमा और गंभीरता के साथ मनाने की अपील करती हूं। बंगबंधु भवन में पुष्प मालाएं चढ़ाकर और प्रार्थना करके सभी आत्माओं की मुक्ति के लिए प्रार्थना करें।”
जानमाल के नुकसान पर जताई चिंता
अपदस्थ प्रधानमंत्री ने बांग्लादेश में जारी हिंसा और जानमाल के नुकसान पर भी चिंता व्यक्त की। हसीना ने कहा, “छात्रों, शिक्षकों, पुलिसकर्मियों, पत्रकारों, सांस्कृतिक कार्यकर्ताओं और निर्दोष दर्शकों ने आतंकवाद और हिंसा के कारण अपनी जान गंवाई है। मैं उन लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करती हूं, जो मेरी तरह अपने प्रियजनों को खोने के दर्द के साथ जी रहे हैं।”