जगतगुरु रामभद्राचार्य और मशहूर गीतकार कवि गुलजार को मिलेगा ज्ञानपीठ पुरस्कार, जानें दोनों विद्वानों के बारे में

जगतगुरु रामभद्राचार्य

उर्दू के मशहूर गीतकार और कवि गुलजार और संस्कृत विद्वान जगतगुरु रामभद्राचार्य को 2023 का ज्ञानपीठ पुरस्कार दिया जाएगा। इस बात की जानकारी सेलेक्शन पैनल ने दी है। बता दें, दोनों ही हस्तियां अपने-अपने क्षेत्र में काफी मशहूर हैं। जहां मशहूर गीतकार गुलजार ने तमाम फिल्मों में गीत लेखन के अलावा गजल और कविता के क्षेत्र में मशहूरी हासिल की है। वहीं जन्म से न देख पाने के बावजूद भी जगतगुरु रामभद्राचार्य संस्कृत भाषा और वेद पुराणों के प्रखंड विद्वान हैं।

गुलजार हिंदी सिनेमा में हैं काफी प्रसिद्ध

मशहूर गीतकार गुलजार को हिंदी सिनेमा में उनके कामों के लिए जाना जाता है। उन्हें इस समय के बेहतरीन उर्दू कवियों से में से एक माना जाता है और इससे पहले उन्हें 2002 में उर्दू के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार और 2013 में दादा साहेब फाल्के पुरस्कार और 2004 में पद्म भूषण भी मिल चुका है। इसके अलावा हिंदी सिनेमा में उनके विभिन्न काम के लिए 5 राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिल चुके हैं।

जगतगुरु रामभद्राचार्य एक प्रसिद्ध हिंदू आध्यात्मिक गुरु

चित्रकूट में तुलसी पीठ के संस्थापक और प्रमुख जगतगुरु रामभद्राचार्य एक प्रसिद्ध हिंदू आध्यात्मिक शिक्षक, नेता और 240 से अधिक पुस्तकों और ग्रंथों की रचना की है, जिनमें चार महाकाव्य (रामचरितमानस, अष्टाध्यायी, प्रस्थानत्रयी, रामचरितमानस) की एक प्रामाणिक प्रति के रामभद्राचार्य सम्पादक हैं। जगतगुरु रामभद्राचार्य संस्कृत, हिन्दी, अवधी, मैथिली सहित कई भाषाओं में आशुकवि और रचनाकार हैं। बहुभाषाविद् रामभद्राचार्य 22 भाषाएं भी बोलते हैं। रामभद्राचार्य को 2015 में भारत सरकार ने पद्म विभूषण से सम्मानित किया था।

ज्ञानपीठ कमेटी ने अपने एक बयान में कहा कि यह पुरस्कार दो भाषाओं के प्रख्यात लेखकों और संस्कृत साहित्यकार जगतगुरु रामभद्राचार्य और प्रसिद्ध उर्दू साहित्यकार गुलजार को देने का निर्णय लिया गया है। इससे पहले गोवा के लेखक दामोदर मौजों को 2022 के लिए यह यह पुरस्कार मिला था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *