नई दिल्ली। केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने गुरुवार को बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया कि अभिनेत्री और भाजपा सांसद कंगना रनौत की ‘इमरजेंसी’ फिल्म तभी रिलीज हो सकती है, जब फिल्म निकाय की पुनरीक्षण समिति के सुझावों के अनुसार कुछ कट लगाए जाएं।
केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) की ओर से पेश हुए अधिवक्ता अभिनव चंद्रचूड़ ने न्यायमूर्ति बीपी कोलाबावाला और फिरदौस पूनीवाला की पीठ को बताया कि सीबीएफसी की संशोधन समिति ने फिल्म में कुछ कट लगाने का सुझाव दिया है। सेंसर बोर्ड की प्रतिक्रिया ‘इमरजेंसी’ के सह-निर्माता जी स्टूडियो द्वारा दायर याचिका पर आई, जिसमें फिल्म के लिए सेंसर प्रमाणपत्र जारी करने की मांग की गई थी।
मामले की अगली सुनवाई 30 सितंबर को
जी की ओर से पेश हुए अधिवक्ता शरण जगतियानी को एक दस्तावेज मिला, जिसमें दिखाया गया था कि फिल्म को रिलीज होने से पहले इसमें लगभग 11 संशोधन किए जाने हैं। सुझाए गए 11 संशोधनों में फिल्म में कुछ कट और प्रविष्टियां शामिल हैं। अब फिल्म निर्माता तय करेंगे कि वे इन संशोधनों से सहमत होंगे या उन्हें चुनौती देंगे। हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई 30 सितंबर (सोमवार) तक के लिए स्थगित कर दी।
फिल्म का निर्देशन कंगना ने किया
‘इमरजेंसी’ एक जीवनी पर आधारित राजनीतिक थ्रिलर है और यह दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के जीवन पर आधारित है, जिन्होंने 1975 से 1977 तक 21 महीने का आपातकाल लगाया था। फिल्म का लेखन, निर्देशन और निर्माण कंगना रनौत ने किया है। 4 सितंबर को बॉम्बे हाईकोर्ट ने सीबीएफसी को ‘इमरजेंसी’ के लिए तुरंत प्रमाण पत्र जारी करने का निर्देश देने से इनकार कर दिया।