नई दिल्ली। दिल्ली सरकार में मंत्री और विधायक राजकुमार आनंद ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इसके साथ ही उन्होंने पार्टी भी छोड़ दी है। उन्होंने इसके साथ ही पार्टी पर भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सवाल भी उठाए। बता दें, राजकुमार आनंद दिल्ली सरकार में सामाजिक कल्याण मंत्री थी और उनपर भी ईडी की छापेमारी हो चुकी थी। वहीं 12 अप्रैल को ईडी ने उन्हें भी पूछताछ के लिए बुलाया था।
बता दें राजकुमार आनंद से जुड़े ठिकानों पर नवंबर 2023 में ED का छापा पड़ा था। जब सीएम केजरीवाल को शराब घोटाला मामले में पूछताछ के लिए बुलाया गया था तब इससे पहले ईडी ने मंत्री के आवास पर पहुंची थी और छापेमारी की थी। ईडी की टीम मंत्री के सिविल लाइंस स्थित आधिकारिक आवास समेत 9 जगहों पर रेड किया था। राजकुमार आनंद पर हवाला लेनदेन में शामिल होने का भी शक था। इस छापेमारी को सीमा शुल्क मामले से भी जोड़कर देखा जा रहा था।
कौन हैं राजकुमार आनंद?
आनंद साल 2020 में पहली बार पटेल नगर सीट से विधायक चुने गए थे। इससे पहले उनकी पत्नी वीना आनंद भी इसी विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुकी हैं. दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम की जगह राजकुमार आनंद को मंत्री बनाया गया था। बता दें बौद्ध सम्मेलन के एक कार्यक्रम में हिंदू देवी-देवताओं पर अभद्र टिप्पणी की गई थी, जिस कारण गौतम को इस्तीफा देना पड़ा था।
इस्तीफे पर संजय सिंह का बयान
राजकुमार आनंद के इस्तीफे और पार्टी छोड़ने पर आप नेता संजय सिंह ने कहा कि हमें जिसकी चिंता थी वही होने लगा है। यही हम पहले ही दिन से कह रहे थे। आज के बाद एक सवाल बंद हो जाएगा कि ईडी की गिरफ्तारी के पीछे आप को तोड़ने का मकसद है। यही काम अब दिल्ली में किया जा रहा है। आज आप के एक एक मंत्री और विधायक की भी अग्नि परीक्षा है कि हम कैसे इस माहौल में भाजपा से लड़ सकते हैं। आज लोग देख लेना कि आनंद जल्दी भाजपा में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि हम राजकुमार आनंद को धोखेबाज नहीं कहेंगे, लेकिन वह बीजेपी और ईडी से डर गए।