पाक के साथ युद्धविराम समझौते में अमेरिका की मध्यस्थता नहीं, PM मोदी ने ट्रंप से फोन पर बात की

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ 35 मिनट की फोन कॉल में स्पष्ट किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम में अमेरिका की कोई भूमिका नहीं थी। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बताया कि यह बातचीत ट्रंप के अनुरोध पर हुई थी।

मोदी ने कहा कि युद्धविराम की बातचीत भारत और पाकिस्तान के सैन्य चैनलों के माध्यम से सीधे हुई, जो पाकिस्तान के अनुरोध पर थी। यह बातचीत 7 मई को शुरू हुए ऑपरेशन सिंदूर के बाद हुई, जिसमें भारत ने पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट किया था। इस ऑपरेशन को 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, के जवाब में शुरू किया गया था।

9-10 मई की रात को पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइल हमले किए

मोदी ने ट्रंप को बताया कि भारत की कार्रवाई सटीक, मापी गई और गैर-उत्तेजक थी। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि 9 मई की रात को अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने भारत को पाकिस्तान के संभावित बड़े हमले की चेतावनी दी थी, जिसके जवाब में भारत ने और सख्ती से प्रतिक्रिया देने की बात कही थी। 9-10 मई की रात को पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइल हमले किए, जिसका भारत ने जवाब दिया और पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को निष्क्रिय कर दिया।

व्यापार बंद करने की धमकी देकर युद्धविराम कराया: ट्रंप

ट्रंप ने बार-बार दावा किया कि उन्होंने व्यापार बंद करने की धमकी देकर युद्धविराम कराया, लेकिन भारत ने इन दावों को खारिज किया। मिसरी ने स्पष्ट किया कि भारत और अमेरिका के बीच कोई व्यापार सौदा या मध्यस्थता पर चर्चा नहीं हुई। यह बातचीत जी7 शिखर सम्मेलन में दोनों नेताओं की मुलाकात रद्द होने के बाद हुई, क्योंकि ट्रंप को इजरायल-ईरान संघर्ष के कारण जल्दी अमेरिका लौटना पड़ा। इस दौरान, मोदी ने ट्रंप को भारत आने का न्योता भी दिया।

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