इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को दुखद बताया, लेकिन भारत पर इल्जाम लगाया कि उसने इस हमले का इस्तेमाल क्षेत्र में शांति भंग करने के लिए किया। 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम के बैसारन घाटी में हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिसमें ज्यादातर पर्यटक थे। इस हमले के जवाब में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाकर पाकिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों पर हमले किए थे।
शरीफ ने एक बयान में कहा, “पहलगाम का हमला दुखद था, लेकिन भारत ने इसका फायदा उठाकर इलाके में अशांति फैलाने की कोशिश की।” उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान हमेशा शांति चाहता है और उसने हमले की निष्पक्ष जांच की पेशकश की थी, जिसे भारत ने ठुकरा दिया। शरीफ ने यह भी कहा कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान की संप्रभुता का उल्लंघन किया। पाकिस्तान ने दावा किया कि इन हमलों में उनके 31 नागरिक मारे गए, जिनमें महिलाएं और बच्चे शामिल थे। हालांकि, भारत ने कहा कि उसने केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, जिसमें 80 से ज्यादा आतंकी मारे गए।
भारत ने इंडस वाटर ट्रीटी निलंबित कर दी
पहलगाम हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था। भारत ने इंडस वाटर ट्रीटी निलंबित कर दी, वाघा-अटारी बॉर्डर बंद कर दिया और पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए। जवाब में पाकिस्तान ने भी भारतीय नागरिकों के वीजा रद्द किए और अपने हवाई क्षेत्र को भारतीय विमानों के लिए बंद कर दिया।
शरीफ ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप की मांग की और कश्मीर को ‘विवादित क्षेत्र’ बताते हुए जनमत संग्रह की बात दोहराई। भारत ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि उसका ऑपरेशन आतंकवाद के खिलाफ था, न कि पाकिस्तान के नागरिकों के खिलाफ। यह विवाद भारत-पाक रिश्तों में तनाव का एक और अध्याय जोड़ता है, जिसमें कश्मीर मुद्दा हमेशा केंद्र में रहा है।