PM मोदी ने बांग्लादेश के राष्ट्रीय दिवस पर मो. यूनुस को लिखा पत्र, नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस को उनके राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर एक पत्र लिखा। इस पत्र में पीएम मोदी ने दोनों देशों के बीच आपसी संवेदनशीलता और सहयोग पर जोर दिया। रिपोर्ट के मुताबिक, पीएम मोदी ने अपने पत्र में बांग्लादेश के लोगों को स्वतंत्रता संग्राम की भावना और बलिदान की याद दिलाते हुए शुभकामनाएं दीं।

उन्होंने भारत और बांग्लादेश के बीच ऐतिहासिक संबंधों का उल्लेख किया, जो 1971 के मुक्ति संग्राम से गहरा जुड़ा है। भारत ने उस समय बांग्लादेश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, और तब से दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनीतिक संबंध मजबूत हुए हैं।

नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील

मोदी ने पत्र में इस बात पर बल दिया कि दोनों देशों को आपसी सम्मान और संवेदनशीलता के आधार पर अपने रिश्तों को और मजबूत करना चाहिए। यह बयान हाल के दिनों में बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों, खासकर हिंदुओं पर हमलों की खबरों के संदर्भ में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। भारत ने इन घटनाओं पर चिंता जताई थी और बांग्लादेश से अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की थी।

अगस्त 2024 में बने थे बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख

मुहम्मद यूनुस, जो नोबेल पुरस्कार विजेता और ग्रामीण बैंक के संस्थापक हैं, अगस्त 2024 में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख बने थे। यह नियुक्ति तब हुई जब शेख हसीना की सरकार राजनीतिक उथल-पुथल के बाद हट गई थी। यूनुस के नेतृत्व में बांग्लादेश में स्थिरता लाने की कोशिश जारी है, और भारत इस प्रक्रिया में अपने पड़ोसी देश के साथ सहयोग करने को तैयार दिख रहा है।

ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की इच्छा

पत्र में पीएम मोदी ने दोनों देशों के बीच व्यापार, कनेक्टिविटी और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की इच्छा भी जताई। भारत और बांग्लादेश पहले से ही कई परियोजनाओं जैसे बांग्लादेश-भूटान-भारत-नेपाल (BBIN) पहल और सीमा पार बिजली व्यापार में सहयोग कर रहे हैं।

इस संदेश को दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह पत्र न केवल औपचारिक शुभकामना है, बल्कि बांग्लादेश की मौजूदा सरकार के साथ सकारात्मक संबंध बनाए रखने की भारत की रणनीति का हिस्सा भी है।

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