नई दिल्ली। दिल्ली के एक कोचिंग सेंटर में तीन सिविल सेवा अभ्यर्थियों की मौत के मामले में गिरफ्तार एसयूवी चालक मनुज कथूरिया को गुरुवार को जमानत दे दी गई। अपने आदेश में एक सत्र अदालत ने कहा कि पुलिस ने अति उत्साह में उस पर गैर इरादतन हत्या का आरोप लगाया। यह आरोप बाद में हटा दिया गया।
कथूरिया को 29 जुलाई को ओल्ड राजेंद्र नगर में राऊ के आईएएस स्टडी सर्कल के बेसमेंट में डूबने से तीन छात्रों की मौत के मामले में गिरफ्तार किया गया था। गैर इरादतन हत्या के आरोप में उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस ने कथूरिया पर बारिश के पानी से भरी सड़क पर अपनी फोर्स गोरखा कार चलाने का आरोप लगाया था, जिससे पानी बढ़ गया और तीन मंजिला इमारत के दरवाजे टूट गए और बेसमेंट में पानी भर गया।
मजिस्ट्रेट कोर्ट ने जमानत देने से किया था इनकार
बुधवार को, एक मजिस्ट्रेट अदालत ने कथूरिया को जमानत देने से इनकार कर दिया और कहा कि वीडियो फुटेज में प्रथम दृष्टया दिखाया गया है कि उन्हें कुछ राहगीरों ने बाढ़ वाली सड़क पर तेजी से गाड़ी न चलाने की चेतावनी दी थी, लेकिन उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया। आज, कथूरिया ने जमानत देने से इनकार करने वाले मजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए तीस हजारी स्थित सत्र न्यायालय का रुख किया।
कथूरिया ने दावा किया- वह निर्दोष है
अपनी जमानत याचिका में कथूरिया ने दावा किया कि वह निर्दोष है और पुलिस के पास उसके खिलाफ किसी भी आरोप का समर्थन करने के लिए कोई सामग्री नहीं है। उन्होंने अपनी याचिका में कहा, “राज्य में व्यापक ढांचागत गिरावट का दोष एक ही व्यक्ति पर डाला जा रहा है।”