नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने दिल्ली की खराब वायु गुणवत्ता पर चिंता जताते हुए कहा कि यहाँ का प्रदूषण उनके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है। मंगलवार, 15 अप्रैल 2025 को एक कार्यक्रम में बोलते हुए गडकरी ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण इतना भयंकर है कि वे यहां आने से पहले दो बार सोचते हैं। उन्होंने बताया, “हर बार दिल्ली आने से पहले मैं सोचता हूं कि आना चाहिए या नहीं। यहां का प्रदूषण इतना खतरनाक है कि मुझे यहां रहने के बाद इन्फेक्शन हो जाता है। आज यहां आने से पहले मुझे दो घंटे प्राणायाम करना पड़ा।”
गडकरी ने यह भी कहा कि वे दिल्ली में रहना पसंद नहीं करते, क्योंकि प्रदूषण के कारण उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ता है।
गडकरी ने भारत की जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को प्रदूषण का बड़ा कारण बताया। उन्होंने कहा कि देश हर साल 22 लाख करोड़ रुपये के जीवाश्म ईंधन का आयात करता है, जो न केवल आर्थिक चुनौती है, बल्कि प्रदूषण को भी बढ़ाता है। उन्होंने वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों, जैसे इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) और बायोफ्यूल को अपनाने की वकालत की। गडकरी ने पहले भी दावा किया था कि दिल्ली में परिवहन से होने वाले प्रदूषण को दो साल में 50-60% तक कम किया जा सकता है।
वायु गुणवत्ता लगातार चिंता का विषय
दिल्ली की वायु गुणवत्ता लगातार चिंता का विषय बनी हुई है। सर्दियों में यहां का एक्यूआई (वायु गुणवत्ता सूचकांक) खतरनाक स्तर तक पहुंच जाता है। हाल के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में एक्यूआई 300 से ऊपर रहा है, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है। विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषण के चलते दिल्ली में हर साल लगभग 12,000 लोगों की मौत होती है। इस मुद्दे पर राजनीतिक दलों में भी बहस छिड़ी हुई है। जहाँ आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस ने अपने घोषणापत्रों में प्रदूषण को ज्यादा तवज्जो नहीं दी, वहीं भाजपा ने अपने घोषणापत्र में दिल्ली के एक्यूआई को आधा करने का वादा किया है।
इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की योजना का जिक्र
नई दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने भी प्रदूषण को कम करने के लिए कदम उठाने की बात कही है। उन्होंने यमुना नदी को साफ करने और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की योजना का जिक्र किया। गडकरी और गुप्ता दोनों ही प्रदूषण के खिलाफ सख्त कदम उठाने की बात कर रहे हैं, लेकिन दिल्लीवासियों को अभी भी स्वच्छ हवा के लिए लंबा इंतज़ार करना पड़ सकता है। इस बीच, गडकरी का बयान सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है, जहां लोग दिल्ली के प्रदूषण संकट पर अपनी चिंता जता रहे हैं।