‘लुक ईस्ट’ नहीं, बल्कि ‘लुक बिहार’ नीति है’, बजट ने ममता बनर्जी को क्यों किया नाराज?

'लुक बिहार' नीति है', बजट ने ममता बनर्जी को क्यों किया नाराज?

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण में बंगाल का उल्लेख तब हुआ, जब उन्होंने पूर्वी क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के उद्देश्य से ‘पूर्वोदय’ योजना की घोषणा की। वहीं तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि यह “बिहार की ओर देखो नीति के अलावा कुछ नहीं है। टीएमसी ने कहा कि अमृतसर-कोलकाता वाणिज्यिक गलियारे का जिक्र करते हुए भी वित्त मंत्री ने इस बारे में अधिक बात की कि बिहार के गया को कैसे फायदा होगा।

ममता बनर्जी ने कहा, “यह बजट पूरी तरह से दिशाहीन, जनविरोधी है, इसमें कोई दृष्टि नहीं है, केवल एक राजनीतिक मिशन है। मुझे इसमें कोई रोशनी नहीं दिख रही है। यह अंधेरा, अंधेरा और अंधेरा है।” नाराज बनर्जी ने संवाददाताओं से कहा, “बंगाल को वंचित किया गया है, हालांकि हमें किसी चीज की जरूरत नहीं है। बंगाल के लोग बंगाल के अपमान पर प्रतिक्रिया देंगे।”

एनडीए के सहयोगी दलों पर ममता का कटाक्ष

उन्होंने सरकार बनाने के लिए भाजपा को समर्थन देने के लिए एनडीए के गठबंधन सहयोगियों पर भी कटाक्ष किया। टीएमसी सुप्रीमो ने कहा, “मैंने ऐसी सरकार कभी नहीं देखी, जिसने न तो स्पीकर पद दिया, न ही कोई महत्वपूर्ण मंत्रालय। मैं सरकार को दोष नहीं दूंगी। उन पार्टियों ने वह गलती की है।” उन्होंने आगे कहा, “मुझे इस बात पर कोई आपत्ति नहीं है कि आंध्र प्रदेश और बिहार को पैसा मिला है। लेकिन आप दूसरों के साथ भेदभाव नहीं कर सकते।”

एनडीए के सहयोगी टीडीपी और जेडी (यू) द्वारा शासित क्रमशः आंध्र प्रदेश और बिहार के लिए घोषित बोनस पर विपक्ष ने बजट को ‘कुर्सी बचाओ’ करार दिया है। लोकसभा चुनाव में अपने दम पर बहुमत हासिल करने में विफल रही भाजपा सत्ता में बने रहने के लिए अपने सहयोगियों पर निर्भर है।

‘बजट में बंगाल के लिए कोई बाढ़ सहायता नहीं’

बीजेपी की संख्या कम होने से बंगाल को इस बार बजट से काफी उम्मीदें थीं। मुख्यमंत्री ने पड़ोसी सिक्किम को बाढ़ सहायता प्रदान करने के केंद्र के प्रस्ताव की ओर इशारा किया। अपने बजट भाषण में, निर्मला सीतारमण ने सिक्किम में विनाशकारी बाढ़ और भूस्खलन का जिक्र किया और कहा कि सरकार राज्य को सहायता प्रदान करेगी।

ममता ने कहा, “जब चुनाव आते हैं, तो वे बहुत आश्वासन देते हैं। उन्हें दार्जिलिंग से वोट मिलते हैं। लेकिन उन्होंने पहाड़ियों के लिए क्या किया? चुनाव खत्म होते ही वे दार्जिलिंग, कलिम्पोंग, मिरिक और कर्सियांग के बारे में भूल जाते हैं। यह उनका स्वभाव है। सिक्किम को बाढ़ राहत राशि मिलने से कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन बंगाल को वंचित नहीं किया जाना चाहिए।”

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