नई दिल्ली। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के आदेश पर 76 भारतीय रक्षा कर्मियों ने इस द्वीपीय देश को छोड़ दिया है। वहीं अब मालदीव के रक्षा मंत्री घासन मौमून ने स्वीकार किया है कि उसकी सेना के पास अभी भी भारत द्वारा दिए गए तीन विमानों को चलाने में उनके पायलट सक्षम नहीं हैं।
घासन मौमून ने शनिवार को यहां राष्ट्रपति कार्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में दो हेलीकॉप्टर और एक डोर्नियर विमान संचालित करने के लिए मालदीव में तैनात भारतीय सैनिकों की वापसी और उनके स्थान पर भारत के नागरिकों को लाने के बारे में जानकारी देने के लिए यह टिप्पणी की।
प्रशिक्षण के बावजूद विमान नहीं उड़ा पा रहे पायलट
घासन मौमून ने कहा कि मालदीव राष्ट्रीय रक्षा बल (एमएनडीएफ) के पास कोई मालदीव सैनिक नहीं है जो भारतीय सेना द्वारा दान किए गए तीन विमानों को संचालित कर सके, जबकि कुछ सैनिकों ने पिछले समझौतों के तहत उन्हें उड़ाने का प्रशिक्षण शुरू कर दिया था। उन्होंने कहा, “चूंकि यह एक प्रशिक्षण था जिसके लिए विभिन्न चरणों को पार करना आवश्यक था। हमारे सैनिक विभिन्न कारणों से पूरा नहीं कर पाए। इसलिए, इस समय हमारे बल में कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं है जिसके पास दो हेलीकॉप्टर और डोर्नियर को उड़ाने के लिए लाइसेंस प्राप्त हो या पूरी तरह से परिचालन में हो।
10 मई तक भारतीय जवान मालदीव से लौटे
चीन समर्थक नेता मुइज्जू द्वारा 10 मई तक द्वीप राष्ट्र में तीन विमानन प्लेटफॉर्मों का संचालन करने वाले सभी भारतीय सैन्य कर्मियों को वापस बुलाने पर जोर देने के बाद दोनों देशों के बीच संबंध गंभीर तनाव में आ गए थे। भारत पहले ही 76 सैन्य कर्मियों को वापस ले चुका है। हालांकि, मालदीव सरकार का सेनहिया सैन्य अस्पताल में भारत के डॉक्टरों को हटाने का कोई इरादा नहीं है।