नई दिल्ली। बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने शुक्रवार को दावा किया कि उसने 214 सैन्य बंधकों की हत्या कर दी, क्योंकि पाकिस्तानी सरकार ने उनकी 48 घंटे की समय सीमा समाप्त होने तक किसी भी समझौते पर ध्यान नहीं दिया।
BLA ने अपने बयान में कहा कि पाकिस्तानी सरकार की जिद और सैन्य अहंकार के कारण यह कदम उठाना पड़ा। उग्रवादी संगठन ने सरकार पर बलूच राजनीतिक कैदियों और लापता कार्यकर्ताओं की रिहाई के लिए उनकी मांगों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया।
बंधकों की रिहाई की मांग, फिर सामूहिक हत्या
मंगलवार को BLA उग्रवादियों ने पेशावर जा रही ‘जाफर एक्सप्रेस’ को अपहृत कर लिया था। इससे पहले, उन्होंने बलूचिस्तान में रेलवे ट्रैक को बम से उड़ाकर ट्रेन को रोक दिया। ट्रेन में 400 से अधिक यात्री सवार थे, जिनमें बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी शामिल थे।
बुधवार को उग्रवादियों ने सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया था, जिसमें उन्होंने बलूच कार्यकर्ताओं और राजनीतिक कैदियों की रिहाई की मांग की थी। लेकिन समय सीमा समाप्त होने के बाद BLA ने सभी 214 सैन्य बंधकों को मारने का दावा किया।
BLA ने अपने बयान में कहा, “पाकिस्तान ने अपनी परंपरागत जिद और सैन्य अहंकार का प्रदर्शन किया। सरकार ने न केवल गंभीर बातचीत से बचने की कोशिश की, बल्कि जमीनी हकीकतों को भी नजरअंदाज किया। इस हठधर्मिता के कारण सभी 214 बंधकों को मार दिया गया।”
पाकिस्तानी सेना और BLA के दावे अलग-अलग
पाकिस्तानी सेना ने दावा किया था कि उसने 30 घंटे के सैन्य अभियान के बाद बुधवार को बंधक संकट समाप्त कर दिया। सेना के अनुसार, इस ऑपरेशन में 33 बलूच उग्रवादियों को मार गिराया गया, जबकि 23 सैनिक, तीन रेलवे कर्मचारी और पांच यात्री मारे गए।
हालांकि, BLA ने सेना के इस दावे को खारिज कर दिया और कहा कि लड़ाई अभी भी जारी है और पाकिस्तानी सुरक्षाबल भारी नुकसान झेल रहे हैं। संगठन ने यह भी स्वीकार किया कि इस संघर्ष में 12 बलूच लड़ाके मारे गए। BLA ने इस हमले को “ऑपरेशन दर्रा-ए-बोलन” का नाम दिया है।
बलूचिस्तान में फिर भड़की हिंसा
BLA एक विद्रोही संगठन है, जो बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग करने की मांग कर रहा है। संगठन पाकिस्तान पर बलूच संसाधनों के शोषण और वहां के लोगों पर अत्याचार करने का आरोप लगाता है।
इस हमले के बाद बलूचिस्तान में हिंसा बढ़ने की आशंका है। पाकिस्तानी सरकार ने अभी तक BLA के इस ताजा दावे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन सुरक्षा बलों की कार्रवाई जारी है।