मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर कोर्ट ने रखा फैसला सुरक्षित, 30 अप्रैल को आएगा निर्णय

14 महीने बाद भी मनीष सिसोदिया को राहत नहीं

नई दिल्ली। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा दिल्ली आबकारी नीति मामले से संबंधित सीबीआई और ईडी मामलों में नियमित जमानत की मांग करने वाली याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट 30 अप्रैल को अपना फैसला सुनाएगी।

केंद्रीय जांच ब्यूरो ने सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि उन्हें जमानत नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि उन्हें इस मामले में मास्टरमाइंड बताया गया है। सीबीआई ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के उस बयान का हवाला देते हुए कहा कि पूरा समाज आर्थिक अपराधों से पीड़ित है, जिसमें उन्होंने कहा था कि भ्रष्टाचार समाज के लिए कैंसर है।

जांच एजेंसी ने अदालत में कहा, “अगर जमानत दी जाती है, तो सिसोदिया आगे की जांच और गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। अगर इस स्तर पर जमानत दी जाती है तो उनका (आरोपी) उद्देश्य निश्चित रूप से पूरा हो जाएगा।” इससे पहले 12 अप्रैल को कोर्ट ने सिसोदिया की याचिका पर ईडी और सीबीआई को नोटिस जारी किया था। सीबीआई और ईडी की विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने केंद्रीय जांच एजेंसियों को 20 अप्रैल तक अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।

लाइसेंसधारकों को अनुचित लाभ दिया गयाः सीबीआई

सीबीआई के साथ-साथ ईडी ने भी आरोप लगाया कि दिल्ली आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितताएं की गईं, लाइसेंसधारकों को अनुचित लाभ दिया गया, लाइसेंस शुल्क माफ या कम किया गया और सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बिना लाइसेंस बढ़ाया गया। जांच एजेंसियों ने आरोप लगाया है कि लाभार्थियों ने कथित तौर पर “अवैध” लाभ को आरोपी अधिकारियों तक पहुंचाया और जांच से बचने के लिए अपने खाते की किताबों में गलत प्रविष्टियां कीं।

लोकसभा चुनाव के लिए स्टार प्रचारकों में सिसोदिया शामिल

इस बीच, आप के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया और जेल में बंद अन्य नेताओं अरविंद केजरीवाल और सत्येन्द्र जैन को पार्टी ने गुजरात में लोकसभा चुनाव के लिए स्टार प्रचारक के रूप में नामित किया है।

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